कश्मीर में लगातार जारी तनाव के बीच सोमवार को श्रीनगर के लालचौक इलाके में पुलिस पर पत्थरबाजों ने हमला कर दिया. ये लोग रविवार को पुलवामा में छात्रों पर की गई लाठीचार्ज का विरोध कर रहे थे. सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस छोड़ी. वहीं पत्थरबाजों और सेना के बीच चल रहे घमासान की ग्राउंड रिपोर्ट सीआरपीएफ के डीजी ने तैयार कर ली है. उम्मीद है कि सोमवार को वो इसे गृह मंत्रालय को सौंपेंगे.
इस बीच दिल्ली में सोमवार से शुरू हो रही आर्मी कमांडर कॉन्फ्रेंस में कश्मीर के हालात पर गहन चर्चा होगी. शाम 3 बजे रक्षा मंत्री अरुण जेटली मानिकशॉ सेंटर में आर्मी कमांडर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. आर्मी कमांडर कॉन्फ्रेंस 17 अप्रैल से 23 अप्रैल तक चलेगी. रक्षा मंत्रालय के उच्च सूत्रों की मानें तो कश्मीर में पत्थरबाजी के ताजा घटनाक्रम में केंद्र सरकार पूरी तरह से सेना के साथ खड़ी है. इस मामले में सेना को सुरक्षाबलों को निशाना बनाने वालों के साथ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं.
रक्षा मंत्री से चर्चा करेंगे सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आर्मी कमांडर कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री अरुण जेटली, रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और सभी आर्मी कमांडरों के साथ मिलकर कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे. इसी सिलसिले में रविवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की. करीब दो घंटे चली मुलाकात में सेना प्रमुख ने कश्मीर के ताजा हालात की जानकारी दी. इस दौरान किन हालात में पत्थरबाज युवक को सेना की गाड़ी के आगे ढाल बनाया गया इसकी पूरी जानकारी एनएसए को दी गई.
पत्थरबाजों से हमदर्दी नहीं बरतेगी सेना
सेना के उच्च सूत्रों ने साफ किया है कि सेना के जवानों का मनोबल को ऊंचा रखना पहली प्राथमिकता है. इसके साथ ही सेना जवानों पर सीधा हमला करने वालों के साथ कोई हमदर्दी नहीं बरती जाएगी. हालांकि आम नागरिकों के मानवाधिकार का भी पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा. सेना के खुफिया सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में कश्मीर में बर्फ पिघलने के दौरान घुसपैठ की कोशिशें और तेज होने के साथ ही पत्थरबाजी की घटनाएं भी बढ़ेंगी.