नई दिल्ली: पिछले माह ही बिहार में लालू से सभी विपक्षी दलों को लेकर रैली का आयोजन किया था अब लालू की राह पर यूपी की बहन जी मायावती भी चल पड़ी है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती विरोधी दलों को अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए 18 सितंबर को मेरठ में शक्ति प्रदर्शन करने जा रही हैं। मेरठ और सहारनपुर मंडल की ये संयुक्त रैली है। बीएसपी के राजनीति भविष्य के मद्देनजर ये रैली काफी महत्वपूर्ण है। बीएसपी इस रैली में भीड़ जुटाकर बीएसपी के खिसकते जनाधार की बात करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहती है।
यही वजह है कि बीएसपी आलाकमान ने पार्टी के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक को भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है। रैली स्थल पर मेरठ, सहानरपुर और मुरादाबाद मंडल के वर्करों के बैठने के लिए 3 अलग-अलग ब्लॉक बनाए जा रहे हैं, ताकि यह पता रहे कि किस मंडल से कितनी भीड़ आई। महिलाओं के बैठने के लिए मंच के बिल्कुल सामने जगह बनाई जा रही है। महिला बीबीएफ की वर्कर उनकी जिम्मेदारी संभालेंगी। हर जिले का संगठन वर्करों को लाने के लिए वाहनों और पीने के लिए वाहनों के इंतजाम का जिम्मा संभालेगा।
मेरठ लोकसभा के प्रभारी हाजी याकूब कुरैशी ने बताया कि 40 विधानसभा के पार्टी कार्यकर्ता मेरठ की रैली में शामिल हो रहे हैं। इसीलिए पार्टी कार्यकर्ता तीनों मंडलों के जिलों से लेकर गांव-गांव नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। कुरैशी ने कहा यूपी में योगी सरकार के आने के बाद राज्य में दलितों के साथ लगातार उत्पीड़न हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बहनजी लगातार इस बात को उठा रही हैं। ऐसे में लोग उन्हें सुनने के लिए बेताब हैं। इसलिए इस रैली के माध्यम से बहन ही यूपी की योगी सरकार के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी कर रही है।
वहीं मायावती में लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में दल को मिली करारी हार के बाद मेरठ रैली को सफल और ऐतिहासिक बनाने के लिए बीएसपी आलाकमान ने ब्लूप्रिंट बनाकर पार्टी नेताओं को भेजा है। वरिष्ट नेताओं को दिए गए ब्लूप्रिंट के मुताबिक रैली में हर विधानसभा से करीब 10 हजार से 15 लोगों को लाने का टारगेट तय किया गया है। मेरठ के सरधना से प्रत्याशी रहे हाफिज इमरान याकूब ने कहा कि मेरठ की रैली एक ऐतिहासिक रैली होगी और करीब 5 लाख लोगों की भीड़ एकट्ठा होगी। सहारपुर जिले से 350 बसे बुक हो चुकी है।
वरिष्ठ नेताओं को 10 से 15 हजार लोगों को लाने का लक्ष्य दिया
इस तरह मेरठ और सहारनपुर मंडल के सभी जिलों का हाल है। रैली की सफलता की सारी जिम्मेदारी और भीड़ जुटाने का टारगेट 2019 के संभावित बीएसपी प्रत्याशी, 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी नेता व जिला पंचायत सदस्य से लेकर सभासद और प्रधान के अलावा संगठन के पदाधिकारियों को भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है। सहारनपुर में का जिम्मा काजी रशीद मसूद के ऊपर है, जो पिछले दिनों एसपी छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए हैं। उनका कहना है कि ये रैली योगी अत्याचार और जुल्म के जवाब देने के लिए की जा रही है।
उन्होंने बताया कि रैली की तैयारी को लेकर पार्टी के नेता और पदाधियकारियों पूरी तरह सक्रिय हैं और हर समाज में बैठकों का दौर चल रहा है। जिस समाज के बीच बैठक है,उसमें दूसरे समाज के लोगों को भेजकर एकता का संदेश दिया जा रहा है। मसलन गुर्जर समाज की बैठक में उस समाज के पदाधिकारियों के साथ ही दलित और मुस्लिम नेता भी शिरकत कर रहे हैं। इसके पीछे बीएसपी की योजना है कि समाज में संदेश जाए कि बीएसपी के साथ हर वर्ग के लोग हैं। इसी तरह से मुस्लिम और दलित समाज की बैठक में दूसरे समाज के नेता हिस्सा ले रहे हैं।