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Tuesday, September 17, 2024

लालू ने हाथ जोड़े, विनती की तो जज ने कहा- खेत से किसान गायब हो तो काम ठप हो जाता है



रांची. चारा घोटाले के दो मामले आरसी 64 और आरसी 68 में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद शुक्रवार को दो स्पेशल जज शिवपाल सिंह और एसएस प्रसाद की कोर्ट में हाजिर हुए। इस दौरान लालू ने दोनों मामलों में अपने बचाव में दो गवाह खड़े किए। सचिवालय थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी सैयद कमाल और विधानसभा के अंडर सेक्रेटरी पद से रिटायर राजेंद्र खान ने दोनों कोर्ट में गवाही दी। लालू ने कोर्ट में कहा ये…
– स्पेशल जज शिवपाल सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद खुद खड़े हुए और हाथ जोड़ कर कोर्ट से लगातार विनती करने लगे।
– कहा- हुजूर… रोज-रोज हमें कोर्ट आने से मुक्त किया जाए। मेरे आने या नहीं आने से सुनवाई में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमारे वकील और गवाह मुस्तैद रहेंगे।
– स्पेशल जज शिवपाल सिंह ने उनकी विनती को ठुकराते हुए कहा कि खेत में किसान की मौजदूगी में ही काम होता है। किसान गायब, तो काम भी ठप।
– आपके कोर्ट में आने से गवाही लगातार होती रहेगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि इस मामले को नौ महीने के भीतर निबटा दिया जाए।
गवाह ने कोर्ट को दी ये जानकारी
– पूर्व थाना प्रभारी सैयद कमाल ने अदालत को बताया कि जब 25 जुलाई 1997 को सीबीआई की टीम तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद को गिरफ्तार करने एक अणे मार्ग आई थी।
– उस समय सचिवालय थाना में थाना प्रभारी के पद पर वे कार्यरत थे। यह भी बताया कि 24 जुलाई से 31 जुलाई की प्रत्येक घटनाक्रम की इंट्री स्टेशन डायरी में की गई है।
– उस दौरान लालू प्रसाद को छोड़ कर चारा घोटाले के किसी अन्य आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुई थी।
– बिहार विधानसभा में अंडर सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत रहे राजेंद्र खान ने कोर्ट को बताया कि सदन की कार्यवाही की दौरान तत्कालीन सीएम विधानसभा में उपस्थित नहीं रहते थे।
– प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब सीएम द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति दिया करते थे। दोनों गवाहों के बायन पर सीबीआई के वकील बीएमपी सिंह ने जिरह की।
-जिरह के दौरान पूर्व थाना प्रभारी और अंडर सेक्रटरी ने कहा कि प्रमाण के तौर पर वे कोई दस्तावेज नहीं ला सके हैं।
शनिवार को कोर्ट में हाजिर होने से लालू को मिली मुक्ति

गवाही की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लालू के अधिवक्ता ने लिखित आवेदन देकर अनुरोध किया कि शनिवार को उनके मुवक्किल को कोर्ट में हाजिर होने से मुक्त रखा जाए। सुनवाई के बाद अदालत ने आवेदन को स्वीकार करते हुए लालू प्रसाद को शनिवार की सुनवाई में कोर्ट में सशरीर हाजिर होने से मुक्त कर दिया।

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