नई दिल्ली,एजेंसी। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के पुत्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पेट्रोल पंप मामले में भारत पेट्रोलियम कोरपोरेशन ने प्रताप को नोटिस जारी किया है. नोटिस के क्लॉस 7 का हवाला देते हुए लिखा गया है- “डीलरशिप के लिए उसी आवेदनकर्ता का चयन किया जाता है तो डीलरशिप से जुड़े हुए दिन प्रतिदिन के काम का ध्यान रख सके और उन्हें संभाल सके. वह किसी अन्य रोजगार के पात्र नहीं होंगे. अगर पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए चयनित शख्स के पास पहले से रोजगार है तो उसे डीलर के रूप में नियुक्ति से पहले रोजगार से इस्तीफा देना होगा.” इस लिहाज से पेट्रोल पंप की डीलरशिप रखने के लिए तेज प्रताप को मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।
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बीजेपी नेता ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए कहा था, “तेज प्रताप को कैसे पेट्रोल पंप आवंटित किया जा सकता है जब न भूमि और न ही भूमि का पट्टा उनके नाम पर था? मामले की संपूर्ण जांच होनी चाहिए. मैं मामले की जांच कराने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान से अनुरोध करूंगा.” उन्होंने आरोप लगाया कि तेज प्रताप यादव को गैरकानूनी तरह से पेट्रोल पंप का आवंटन किया गया।
पेट्रोल पंप आवंटन को लेकर बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप को 2011 में पटना के बेउर के पास न्यू बाइपास रोड पर भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप आवंटित किया गया. इससे पहले तेल कंपनी के एक अधिकारी के साथ साठगांठ करके फर्जी कागजात तैयार किए गए. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप जब 2011 में पेट्रोल पंप के लिए एक साक्षात्कार के लिए पेश हुए तब उनके पास न्यू बाइपास रोड पर 43 डिसमिल भूमि नहीं थी. एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने नौ जनवरी 2012 को इसी स्थान पर 136 डिसमिल भूमि तेज प्रताप के छोटे भाई और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को पेट्रोल पंप खोलने के लिए पट्टे पर दी. उन्होंने कहा कि पट्टानामा के मुताबिक तेजस्वी इस भूमि को उपपट्टे पर नहीं दे सकते हैं।
तेज प्रताप पर गैरकानूनी तरीके से पेट्रोल पंप आवंटित कराने का आरोप है. तेज प्रताप ने को 2011 में बेउर के पास न्यू बाइपास रोड पर भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप आवंटित किया गया था. नोटिस जारी करके बीपीसीएल ने इस मामले में तेज प्रताप से जवाब मांगा है. इस मामले में जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है. अगर वह इन सवालों का जवाब नहीं दे पाते हैं तो उनके पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द हो सकता है।