नई दिल्ली। अदालत ने सजा के बिंदु पर अभियुक्तों की ओर से बहस सुनी और इसी दौरान विशेष सीबीआई न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने अदालत में पेश किए गए लालू प्रसाद की ओर इशारा कर पूछा, ‘जेल में कोई दिक्कत तो नहीं?’ जवाब में लालू ने कहा, ‘साहब जेल में मेरे परिचितों को मुझसे मिलने नहीं दिया जा रहा है।’ न्यायाधीश ने मुस्कराते हुए कहा, ‘इसीलिए तो आपको अदालत में बुलाते हैं जिससे आप सबसे मिल सकें।’ न्यायाधीश की इस टिप्पणी से अदालत में हंसी के फव्वारे फूट पड़े।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इसके बाद अदालत ने टिप्पणी की कि अब अदालत में आपकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी की व्यवस्था के बारे में विचार किया जा रहा है। इस पर लालू ने अनुरोध भरे स्वर में कहा, ‘साहब मुझे अदालत में सशरीर बुलाकर अपना फैसला सुनाएं।’ इस पर अदालत ने कहा, ‘आपकी पेशी अदालत में कैसे कराई जाए, इसके बारे में कल ही फैसला करेंगे।’ लालू ने कहा, ‘साहब फैसला देने के पहले ठंडे दिमाग से विचार कीजिएगा। इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘आपके शुभचिन्तक दूर-दूर से फोन कर रहे हैं।’
इसके बाद लालू ने कहा, ‘हमने कुछ नहीं किया जज साहब, जेल में बहुत ठंड लगती है। इस पर न्यायाधीश ने कहा, “तबला बजाइए।” लालू ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘जेल में एक किन्नर भी बंद है, वो भी गलती से आ गया है। इस पर न्यायाधीश ने भी हल्के अंदाज में कहा, “आप हैं तो सब ठीक हो जाएगा।” गौर करने की बात यह है कि अदालत ने अदालती फैसले के खिलाफ मीडिया में बयानबाजी के लिए राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं लालू के बेटे तेजस्वी यादव, राजद के नेता शिवानंद तिवारी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी को अवमानना नोटिस जारी कर उन्हें स्वयं 23 जनवरी को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए थे। इन मामलों को लालू ने खत्म करने का भी अनुरोध किया।
लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े कुल मिलकर पांच मामलों में रांची में मुकदमे चल रहे थे जिनमें चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में उन्हें तथा जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर, 2013 को दोषी ठहराए जाने के बाद तीन अक्टूबर को क्रमश: पांच साल कैद, 25 लाख रुपए जुर्माने और चार साल कैद की सजा सुनायी जा चुकी है। लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले में यह दूसरा ऐसा मामला है जिसमें अब आज सजा जाने की संभावना जताई जा रही है।