लखनऊ – समाजवादी सरकार अब किसानों को मुफ्त साइकिल देने जा रही है। वैसे तो किसान उपहार योजना के तहत पहले भी किसानों को मुफ्त उपहार दिए जाते रहे हैं लेकिन चूंकि साइकिल समाजवादी पार्टी का चुनाव निशान भी है, ऐसे में उसको लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ना स्वाभाविक है। जानकार कह रहे हैं कि छात्रों के बीच लैपटाप-टैबलेट योजना की लोकप्रियता का परिणाम देख चुकी समाजवादी पार्टी अब गांव-गांव में किसानों को साइकिल देकर लोकसभा चुनाव में भी विधानसभा चुनाव जैसा ही करिश्मा दोहराना चाहती है।
बिचौलियों के जाल से किसानों को निकाल कर सरकारी मंडी तक आने को प्रेरित करने के मकसद से ही उपहार योजना आरम्भ की गई थी। किसानों को मुफ्त दिए जाने वाले उपहारों की संख्या एवं प्रकृति समयानुसार बदलती रही है लेकिन अखिलेश सरकार के साइकिल बांटने के फैसले के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। रालोद प्रदेशाध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है किसानों को लाभ पहुंचाने के हर मोर्चे पर फेल साबित हो चुकी सपा सरकार अब साइकिल बांटकर बहलाना चाहती है।
हर माह बंटेगी 4,301 साइकिलें
प्रत्येक बड़ी मंडी में दस साइकिल और दस प्रेशर कुकर तथा छोटी मंडी में पांच साइकिल व पांच प्रेशर कुकर प्रति माह उपहार स्वरूप वितरित किए जायेंगे। प्रदेश में 249 मंडी व 364 उपमंडियां कार्यरत है। यानि अब प्रत्येक माह छोटी-बड़ी मंडियों में 4,301 साइकिलें और इतनी ही संख्या में प्रेशर कुकर [पांच लीटर क्षमता वाले] किसानों को नि:शुल्क बांटने की योजना है। एक वर्ष का आंकड़ा जोड़े तो 1,03,225 किसानों को 51,612 साइकिलें और इतने ही प्रेशर कुकर बांटे जायेंगे।
पहले बंटते थे मोबाइल फोन व ट्रैक्टर
मासिक ड्रा-प्रत्येक जिले में दस किसानों को मोबाइल फोन त्रैमासिक ड्रा-सभी 16 संभागों में 6-6 उपहार वितरित किए जाते थे। प्रथम-एक सीड ड्रिल, द्वितीय- दो स्प्रेयर, तृतीय-तीन धातु निर्मित बखारी
-छह माही बम्पर ड्रा-संभाग स्तर पर तीन उपहार दिए जाते थे। प्रथम-एक ट्रैक्टर 35 हार्सपावर, द्वितीय-एक राइस ट्रान्सप्लांटर, तृतीय-एक पावर टिलर।
क्या है मंडी आवक किसान उपहार योजना
सरकारी मंडी तक आने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की खातिर वर्ष 2010 में मंडी आवक किसान उपहार योजना आरम्भ की गई। ताकि किसान अपनी उपज सीधे मंडी स्थल पर स्वयं लाएं और नीलामी के जरिए बिक्री के बाद 6-आर पर्चा अवश्य प्राप्त करें। इससे किसानों को बिचौलियों के शोषण से मुक्ति मिले और फसल का वास्तविक भुगतान प्राप्त हो सके। उपहार योजना में 5000 रुपये तक के मूल्य वाले 6-आर पर्चे पर एक इनामी कूपन मंडी समिति कार्यालय से प्राप्त होगा। कूपन को मासिक, तिमाही व छह माही ड्रा में शामिल कर भाग्यशाली किसानों के नाम लाटरी से निकाले जाते है।
आलोक रंजन, कृषि उत्पादन आयुक्त का कहना है कि उपहार योजना में साइकिल व प्रेशर कुकर किसानों को निशुल्क वितरण करने का एकमात्र उद्देश्य सरकारी मंडियों की सार्थकता बढ़ाते हुए बिचौलियों पर अंकुश लगाना है। इसके राजनीतिक निहितार्थ नहीं निकालने चाहिए क्योंकि पूर्ववर्ती उपहार योजना का फायदा अधिक किसानों को नहीं मिल पाता था। ज्यादा से ज्यादा किसानों को मंडी तब आने के लिए लुभाने को योजना में बदलाव किया है।