इलाहाबाद। सपा सरकार में लोक सेवा आयोग की निकली भर्तियों की सीबीआई जांच तेज हो गई है। सीबीआई की बढ़ती गतिविधियों से लोक सेवा आयोग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक के पसीने छूटने लगे हैं। सपा शासनकाल में आयोग के सचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित कई अधिकारी और कर्मचारी सीबीआई की रडार पर हैं।
पिछली सरकार में लोक सेवा आयोग की ओर से निकली करीब सभी भर्तियों में अनियमितता और धांधली का आरोप लगता रहा। सरकार बदलते ही सपा सरकार की सैंकड़ो भर्तियां सीबीआई जांच के दायरे में आ गई हैं। सीबीआई की ओर से पिछली बार हुई भर्तियों में धांधली संबंधित दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। साथ ही सीबीआई लोक सेवा आयोग के ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की गतिविधियों के साथ उनके खातों की जांच में जुट गई है।
ऐसे कर्मचारियों और पदाधिकारियों के आय व्यय की भी जांच की जा रही है। ये सभी अधिकारी और कर्मचारी 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए परीक्षा, परिणाम और साक्षात्कार मामले में जुड़े हैं। माना जा रहा है कि सीबीआई के रडार पर सपा सरकार में हुईं पीसीएस, पीसीएस जे, लोअर सबआर्डिनेट, आरओ-एआरओ, सीधी भर्ती सहित करीब 600 भर्तियां हैं। लोक सेवा आयोग की इस भर्ती में मध्य प्रदेश के व्यापम घोटोल से अधिक धांधली की संभावना है।
आयोग की भर्तियों में इन अनियमितताओं का आरोप
सपा सरकार में की गई विभिन्न भर्तियों को लेकर लोक सेवा आयोग पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। इसमें इंटरव्यू में अधिक नंबर देकर चयन, आरओ-एआरओ प्री 2016 का पेपर का आउट होनाए आरक्षित पदों में किया गया बदलाव, मेधावियों की काॅपियां बदली गईं, स्केलिंग के नाम पर खेल, इंटरव्यू की व्यवस्था में किया बड़ा बदलाव, परीक्षा केंद्र के निर्धारण में मनमानी, विशेषज्ञों के पैनल में मनमानी, मुख्य परीक्षा की काॅपियों को जलाया गया, पीसीएस प्री 2015 का प्रश्न पत्र का आउट होने संबंधित कई अन्य आरोप लगे हैं। इन भर्तियों की जांच को लेकर सीबीआई की ओर से जांच तेज कर दी गई है।