नई दिल्ली NOI पीएम नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार खत्म करने के अपने अभियान की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने वादा किया कि अपनी आय के स्रोतों का खुलासा करने में बीजेपी बिलकुल भी नहीं हिचकेगी। इसके साथ ही उन्होंने बाकी पार्टियों से भी अपनी आय के स्रोतों का खुलासा करने की अपील की।
शनिवार को बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘लोगों को यह जानने का अधिकार है कि आखिर हमारी आय का स्रोत क्या है? कहां से हमें फंड मिलता है।’ पीएम मोदी के इस बयान को उनके नोटबंदी और ब्लैक मनी के खिलाफ अभियानों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
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उन्होंने इस बात के साफ संकेत दिए कि बजट सत्र से पहले वह एक सर्वदलीय बैठक बुला सकते हैं, जिसमें राजनीतिक दलों की फंडिंग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि देश के अधिकांश राजनीतिक दलों को मिलने वाले फंड का एक बड़ा हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आता है। खुद बीजेपी और कांग्रेस जैसे बड़े दल भी इसमें पीछे नहीं हैं। ऐसे समय पीएम मोदी का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है। उम्मीद की जा रही है कि 31 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान इस पर चर्चा हो सकती है या कोई महत्वपूर्ण बिल लाया जा सकता है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि पीएम मोदी राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता को लेकर बेहद गंभीर हैं, भले ही कोई दल इसमें उनका साथ दे या न दे।
मौजूदा वक्त में राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए से कम के चंदे का हिसाब नहीं देना होता है। बीजेपी के चंदे का भी एक बड़े हिस्से का कोई हिसाब-किताब नहीं है। इसी वजह से पीएम मोदी के ब्लैक मनी के खिलाफ किसी भी अभियान की काट के तौर पर तमाम राजनीतिक दल बीजेपी की अज्ञात फंडिंग का हवाला देने लगते हैं।
पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता का महत्व बताते हुए पीएम मोदी ने कार्यकारिणी में कहा, ‘देश में इन दिनों एक पारदर्शिता भरा माहौल उभर रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों को भी अपनी फंडिंग पारदर्शी करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।’