वर्षा की शुरुआत ने बहराइच के निर्माणाधीन बस अड्डे की खोली पोल……..बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- बहराइच के निर्माणाधीन बस अड्डे का कार्य लगभग पूरा होने को है लेकिन बरसात के मौसम को देखते हुए की गई तमाम व्यवस्थाएं मात्र कागजी खाना पूरी के अलावा और कुछ भी नही जिसके परिणाम स्वरूप मौसमी बरसात के शुरुआती दौर में डिपो में बसों तो क्या यात्रियों और स्टाफ का भी आना जाना मुश्किल हो गया है लेकिन डिपो प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा नज़र आ रहा है।बताते चलें कि भारत नेपाल सीमा पर बसे बहराइच जनपद के मुख्यालय पर स्थापित रोडवेज परिवहन के इस बहराइच डिपो के पुनर्निर्माण का कार्य लगभग दो वर्ष पूर्व सपा सरकार द्वारा शुरू किया गया था जो आज भी अधूरा ही दिखाई दे रहा जिसकी वजह से यात्रियों को तो परेशानियां उठानी ही पड़ती हैं बल्कि बस अड्डे पर चल रहे निर्माण कार्य की वजह से मुख्य रोड पर जाम की स्थिति भी बनी रहती है जिससे सामान्य नागरिकों को भी परेशानियों से दो चार होना पड़ता है,साथ ही बरसात के इस मौसम में मामूली से बारिश में डिपो परिसर में चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ दिखाई दे रहा है और इस कीचड़ में बसों के आने जाने के साथ साथ लोगों को भी भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं लेकिन डिपो प्रशासन की ओर से इस परेशानी का कोई हल नही निकाला गया है। यहां पर ये बताना जरूरी है इस विशालकाय डिपो के निर्माण में भारी पैमाने पर अनियमितताएं उजागर हो रही है,सबसे पहले जिस तरह के नक्शे से निर्माण कराया गया है उससे कही भी बस डिपो नही दिखाई दे रहा है मात्र एक पूछ ताछ कक्ष के अलावा न तो तरतीब वार टिकट काउंटर बनाये गये हैं और न ही यात्रियों के प्रतीक्षालय व अधिकारियों के केबिन बनाये गये हैं और ऊपर से बस अड्डे के अन्दर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए एक अच्छी खासी जमीन पर सरकारी पैसों से एक मंदिर का भी निर्माण कराया गया है सर्वथा अनुचित ही है और वह भी बस अड्डे के ठीक सामने उसे बनाया गया है जो एक तरह से बस अड्डे के अन्दर गड़ियों के आने जाने में व्यवधान पैदा करता रहता है और इसी के साथ साथ पूरे काम में निम्न स्तर की सामग्री का इस्तेमाल कर सरकार को आर्थिक चूना भी लगाया गया है।बहराइच के इस बस अड्डे के निर्माण में मानकों को धता बताते हुए जहां नियमों की धज्जियां उड़ाई गयी हैं वही रोडवेज कर्मियों की गुंडई से सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करने से नागरिकों को भी कष्ठ क्षेलने को विवश किया जाता है।अतिक्रमण के नाम पर बस अड्डे के बाहर बनी दुकानों और सुलभ शौचालय को तो तोड़ दिया गया वही अनाधिकृत तरीके से एक मंदिर का निर्माण करा दिया गया और उसी के आगे ठीक सड़क पर एक दूसरे भवन का भी निर्माण किया जा रहा है।ऐसे में स्थानीय नगर पालिका प्रशासन और रोडवेज प्रशासन की कार्य शैली सन्देह के घेरे में आते हुए सरकार को कटघरे में खड़ी कर रही है।