• 100 से अधिक मोबाइल सिग्नल बूस्टर हटाए गए
• अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर से इलाके के उपभोक्ताओं को मिलते हैं कमजोर सिग्नल और डेटा स्पीड, कॉल ड्राप में भी होता है इजाफा
आगरा, 24दिसंबर, 2020: वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) ने स्थानीय प्रशासन और मोबाइल ऑपरेटरों के साथ मिलकर आगरा में कई स्थानों पर घरों, दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में स्थापित अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर्स को हटाने और प्रतिबंधित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया।
नमक की मंडी, हिंग की मंडी, किनारी बाजार, चौबे जी का मोटा, शीतल कॉम्प्लेक्स, श्रीजी मार्केट, शाह कॉम्प्लेक्स, श्रीराम कॉम्प्लेक्स, पिपलाम जैसे विभिन्न स्थानों पर अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर को न लगाने, खरीद-फरोख्त को रोकने के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता अभियान का असर यह रहा कि जनता ने अपनी मर्जी से मोबाइल बूस्टर्स स्वयं सरेंडर कर दिया।
इस निरीक्षण और जागरूकता अभियान पर बोलते हुए, श्री देवेंद्र कुमार राय, आईआरआरएस ने कहा “हमने अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर को बंद करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू किया है, जो मोबाइल नेटवर्क में भारी हस्तक्षेप और सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। इस तरह के अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग ठीक वैसे ही होता है जैसे पानी के बूस्टर पंप मुख्य पानी की आपूर्ति लाइन से पानी खींच लेते हैं, जिससे आसपास के लोगों के लिए जलापूर्ति बाधित हो जाती है। टीम ने जनता, दुकानदारों और स्थानीय क्षेत्र के नेताओं के साथ कई बैठकें कर किसी भी अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर का उपयोग नहीं करने के लिए जागरूक किया है और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा। जनता ने जागरूकता अभियान का समर्थन किया और लगभग अपने घर और दुकानों में लगे 75% मोबाइल बूस्टर को या तो स्वयं ही सरेंडर कर दिया या हटा दिया। खास बात यह रही कि लोगों ने इसके बाद बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी मिलने की सूचना दी। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को गुणवत्ता के स्पेक्ट्रम से संबंधित विभिन्न नेटवर्क मापदंडों में सुधार की सूचना दी गई थी। ”
उन्होंने आगे कहा कि डब्लूएमओ पहले से ही सार्वजनिक नोटिस यानी स्थानीय प्रकाशनों में अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर की स्थापना, कब्जे या बिक्री को प्रकाशित कर रहा था ताकि इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाई जा सके। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के लिए अपनी वेबसाइट से ऐसे अवैध रिपीटर्स की सूची प्रकाशित कर उनको हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, इन पर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिल रही है।
DoT के वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) के अनुसार, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट, 1933 और इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 के तहत अवैध रिपीटर की स्थापना, खरड़-फरोख्त दंडनीय अपराध है।
अवैध मोबाइल सिग्नल रिपीटर्स चिंता का एक बड़ा कारण बन चुके हैं क्योंकि ये ग्राहकों के लिए कॉल ड्रॉप्स और कम डेटा गति जैसी समस्या पैदा करने के मुख्य कारण बन चुके हैं। ये अवैध पुनरावर्तक मोबाइल सिग्नलों को बढ़ावा देने के लिए घरों / कार्यालयों / पीजी / गेस्ट हाउसों में व्यक्तियों / प्रतिष्ठानों द्वारा स्थापित किए जाते हैं। ये अवैध उपकरण सभी मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल्स के साथ हस्तक्षेप करते हैं और उसकी गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। इनसे पूरे क्षेत्र में ग्राहकों को खराब नेटवर्क के अनुभव प्राप्त होता है जो चिंता का बड़ा कारण है। मोबाइल ऑपरेटर ग्राहक अनुभव को बढ़ाने के लिए स्पेक्ट्रम और नेटवर्क रोलआउट के अधिग्रहण में भारी निवेश करता है और अवैध बूस्टर मोबाइल नेटवर्क के साथ हस्तक्षेप का कारण बनता है। अधिकारियों को अवैध मोबाइल बूस्टर्स का प्रयोग करने वाले प्रतिष्ठानों पर नकेल कसने के लिए बुलाया गया था और वे इस तरह के अवैध सिग्नल बूस्टर्स पाए जाने पर सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।