लखनऊ, शैलेन्द्र कुमार। जिस तरह से आज-कल हम वायु प्रदूषण को बिल्कुल नजरअंदाज कर रहे हैं और यह एक विकराल रूप ले रहा है उसे देखकर तो यही लगता है कि भविष्य में वायु प्रदूषण एक भयंकर और गम्भीर समस्या का रूप ले लेगी। जिसके निदान के लिए परेशानियों का ढेर भी लग जायेगा।
दुनिया में कई जगहों पर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका वायु प्रदूषण न केवल आपको गंभीर रूप से बीमार कर रहा है बल्कि इसके कारण एक नई आफत के भी जन्म लेने के संकेत हैं। राजधानी में भी वायु प्रदूषण के खासा रिकॉर्ड टूटे हैं और टूटते जा रहे हैं और जिसके प्रति हमें गम्भीर होना चाहिए उसको ही हम नजर अंदाज कर रहे हैं।
वायु प्रदूषण के कारण हमारे शरीर में कई तरह के संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया और ताकतवर हो जाते हैं और इस तरह उन पर हम जो भी एंटीबायोटिक्स लेते हैं उसका भी असर कम हो जाता है। यानी, बैक्टीरिया जनित तमाम बीमारियों का प्रभीवी इलाज मुश्किल में पड़ सकता है
बता दें कि ब्रिटेन के लिसेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया है कि वायु प्रदूषण के कारण संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया की क्षमता बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की कि हमारे शरीर खासकर श्वसन प्रणाली से जुड़े अंगों जैसे नाक, गला और फेफड़े में मौजूद बैक्टीरिया पर प्रदूषण का क्या असर पड़ता है।
और इस शोध में उन्होंने पाया कि पेट्रोलियम ईंधन से पैदा होने वाले काले कार्बन की वजह से हमारे शरीर में बैक्टीरिया के बढ़ने के तरीकों में बदलाव आ जाता है। उन्होंने यह भी देखा कि इस खतरनाक प्रदूषण की वजह से ये बैक्टीरिया हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करते हैं।
लिसेस्टर की सहायक प्रोफेसर जूली मॉरिसे ने कहा कि इस अध्ययन से इंसान से स्वास्थ्य पर प्रदूषण के असर को समझने में सहायता मिलेगी। यह अध्ययन इंवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
जिस तरह से धुएं वाली गाड़ियों से वायु प्रदूषण तेजी से फैल रहा है यह एक गम्भीर बात है और हमें इस पर विचार करना चाहिए न कि इसे अनदेखा करना चाहिए। जैसे भी हो प्रदूषण फैलाने से बचना चाहिए और फैलने से रोकना चाहिए।