वाराणसी जिला पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव की तारीख नजदीक आते ही भाजपा और सपा में खेमेबंदी तेज हो गई है। भाजपा और सपा नेता पंचायत सदस्यों को अपने पाले में करने की हर कोशिश कर रहे हैं। कई प्रकार के वादे भी किए जा रहे हैं।
सपा के लिए कुर्सी बचाना एक चुनौती होगी तो वहीं भाजपा तख्ता पलटने की पूरी कोशिश करेगी। दोनों दलों के जिलाध्यक्ष समेत पूर पार्टी जोर आजमाइश में लगी हुई है। पंद्रह जुलाई को भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी।
48 जिला पंचायत सदस्यों वाले सदन की कुर्सी पर सपा का कब्जा है। सपा की अपराजिता सोनकर करीब डेढ़ साल पूर्व बहुमत के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थीं। चुनाव के दौरान उनके पक्ष में 31 सदस्यों ने वोटिंग की थी। सत्ता बदलने के बाद से उनकी कुर्सी पर खतरा छाने लगा था।
21 जून को भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, विधायक सुशील सिंह, अवधेश सिंह ने 28 पंचायत सदस्यों के साथ डीएम योगेश्वर राम मिश्रा से मिलने पहुंचे थे। हालांकि भाजपा ने 30 सदस्यों के समर्थन का दावा किया था।
अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए वोटिंग की मांग की थी। डीएम ने इसके लिए पंद्रह जुलाई की तिथि तय की थी। भाजपा अगर अविश्वास प्रस्ताव पास कराने में कामयाब रही तो अमित सोनकर नए जिला पंचायत अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।
सपा जिलाध्यक्ष डा. पीयूष यादव का कहना है कि बहुमत अपराजिता सोनकर के साथ है। कुर्सी बरकरार रहेगी। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा का कहना है कि सपा अल्पमत में हैं। नया पंचायत अध्यक्ष भाजपा का होगा।
एडीजी से मिले सपाई
समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि बुधवार को एडीजी बी महापात्रा और एसएसपी आरके भारद्वाज से मिला। कहा कि कुछ लोग सपा के जिला पंचायत सदस्यों को धमकी दे रहे हैं। पुलिस और प्रशासन भी प्रताड़ित कर रहा है।
बीती रात जिला पंचायत सदस्य रमेश यादव के घर जोगियापुर में मिर्जामुराद की पुलिस घर से उनके पिता देवचंद यादव को उठा ले गई। रमेश यादव को सत्तारूढ़ दल के लोगों की मदद करने का दबाव बनाया गया और इसी शर्त पर रात्रि 12 बजे घर जाने दिया गया।
इसके पूर्व भी सुशीला देवी पत्नी शीतला यादव एवं कैलाश विश्वकर्मा को भी सत्तापक्ष का साथ देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों से धमकी दी जा चुकी है। पुलिस अधिकारियों से लोकतांत्रिक तरीके से मतदान में सहयोग देने का निवेदन किया गया।