नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2017-18 का आर्थिक सर्वे संसद में पेश कर दिया। इसके तुरंत बाद लोकसभा बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। अब 1 फरवरी यानी बुधवार को देश का आम बजट लोकसभा में पेश किया जाएगा।
सर्वे की खास बातें
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में आर्थिक विकास दल 6.75 से 7.50 फीसद रहने का अनुमान है।
- नोटबंदी के बाद खड़ी हुई नकदी की समस्या अप्रैल तक खत्म होगी।
- सबको सस्ते घर देने के काम को बढ़ावा मिलेगा।
- रियल एस्टेट सेक्टर की हालत खराब हुई है। हालांकि कीमतें कम होने से आम यूजर्स को फायदा होगा।
- कृषि विकास की स्थिति अच्छी। हालांकि नोटबंदी के असर की समीक्षा अभी बाकी है।
- कच्चे तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा पहुंचते हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।
इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि हमने हर पार्टी से बात की है। बजट को लेकर विस्तृत और प्रोडक्टिव चर्चा होनी चाहिए।
पहली बार बजट 1 फरवरी को पेश हो रहा है। आपको याद होगा कि पहले हमारे देश में बजट शाम 5 बजे पेश होता था। अटल जी की सरकार थी तब इसे परिवर्तित करके सत्र शुरू होते ही बजट पेश करने की परंपरा शुरू हुई।
बजट सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा हिस्सा 9 मार्च से शुरु होकर 12 अप्रैल तक चलेगा। इस साल अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा समाप्त की जा रही है।
रेलवे संबंधी प्रावधान इस बार आम बजट में ही शामिल होगा। विपक्षी दलों ने इस बात का संकेत दिया कि है कि संसद के इस सत्र में नोटबंदी का मुद्दा जोरशोर से उठेगा जिसके कारण पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान कोई कामकाज नहीं हो सका था।
विपक्षी दलों ने इसके साथ ही कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच समय से पहले बजट पेश करने को लेकर भी नाखुशी जाहिर की है।
विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि कहा कि सरकार हर उस मुद्दे पर बात और चर्चा के लिए तैयार है जिसे विपक्ष लेकर आएगा। उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल बजट सत्र के महत्व को समझेंगी और इसमें हिस्सा लेंगी।