नई दिल्ली, प्रेट्र। वित्त विधेयक 2017 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही शनिवार से यह प्रभावी हो गया। दो लाख रुपये से अधिक नकदी लेनदेन पर रोक और टैक्स रिटर्न भरने के लिए आधार अनिवार्य बनाने जैसे विधेयक के प्रावधान लागू हो गए हैं।
राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने बताया कि राष्ट्रपति ने अपनी असम यात्रा पहले शुक्रवार को वित्त विधेयक को मंजूरी दे दी। वित्त विधेयक 2017 के सभी कर और अन्य प्रस्ताव शनिवार से प्रभावी हो गए। ऐसा पहली बार हुआ है जब वार्षिक बजट के साथ कर प्रस्ताव वित्त वर्ष के पहले ही दिन से प्रभावी हुए हैं। औपनिवेशिक कालीन परंपरा को तोड़ते हुए इस साल पहली बार फरवरी के अंत की जगह एक फरवरी को बजट पेश किया गया।
इस वजह से वित्त विधेयक 2017 के बजट और कर प्रस्तावों पर अनुदान या खर्च की मांग की मंजूरी की विधायी प्रक्रिया 30 मार्च तक पूरी हो गई। इसके अगले दिन इस पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग गई। इससे सरकार को कल्याणकारी कार्यक्रमों और कर योजनाओं को लागू करने के लिए अधिक समय मिल जाएगा। पहले फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता था। इस कारण संसद से मंजूरी की प्रक्रिया मई के मध्य में पूरी होती थी। इसके कुछ हफ्ते बाद ही मानसून की शुरुआत हो जाती थी। ऐसे में सरकारी विभागों का खर्च मानसून बाद अगस्त के अंत या सितंबर में शुरू हो पाता था।
बजट की तारीख पहले करने के अलावा इस बार बजट में योजना और गैर योजना के भेद को भी खत्म कर दिया गया। साथ ही करीब एक सदी की व्यवस्था को खत्म कर रेल बजट को भी आम बजट में मिला दिया गया।