नई दिल्ली।उत्तराखंड के 13 जिलों की 69 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को हुए मतदान में रेकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई। चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 5 बजे तक यहां 68 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था और पोलिंग स्टेशनों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं। आयोग ने उम्मीद जताई है कि यह आंकड़ा 70 प्रतिशत के पार जा सकता है। वहीं, बुधवार को ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 11 जिलों की 67 सीटों के लिए भी मतदान संपन्न हुआ। यहां शाम 5 बजे तक 65.5 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी और यहां भी पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं।
आयोग ने बताया कि उत्तराखंड में 2012 में पिछले विधानसभा चुनाव में 67.22 प्रतिशत और 2014 में हुए आम चुनावों में 62.15 वोटिंग दर्ज की गई थी। बुधवार को यहां मतदान भी 7 की जगह 8 बजे शुरू हुआ था, ऐसे में इतना टर्नआउट वाकई उत्साहजनक है। राज्य के कई पोलिंग स्टेशन बर्फ से ढके थे जहां आयोग की पोलिंग पार्टी के सदस्य पैदल चढ़ाई करके पहुंचे थे। सबसे ऊंचाई पर स्थित पोलिंग स्टेशन रीह में था जो कि टिहरी गढ़वाल में आता है। 10,000 फीट की ऊंचाई पर यह पोलिंग स्टेशन 275 मतदाताओं के लिए स्थापित किया गया था। बर्फ से ढके कई पोलिंग स्टेशनों के लिए पोलिंग पार्टी के सदस्य 12 फरवरी को निकले थे और वे 17 फरवरी की शाम तक वापस आ पाएंगे। आयोग ने इतनी कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी निभाने के लिए पोलिंग पार्टियों के सभी सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। राज्य में 69 सीटों पर 628 कैंडिडेट खड़े हैं, जिनमें 60 महिला, 2 थर्ड जेंडर के उम्मीदवार शामिल हैं।
दोनों ही राज्यों में मतदान शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हुए। उत्तराखंड में जहां हिंसा की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई वहीं उत्तर प्रदेश में भी छिटपुट घटनाओं को लेकर सब जगह शांतिपूर्वक वोट डाले गए। उत्तर प्रदेश में हालांकि इस बार सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार जमा कराए गए जिनकी संख्या डेढ़ लाख थी। उत्तर प्रदेश में वोटर टर्नआउट के पिछली बार के आंकड़ों से तुलना पर आयोग का जवाब था कि तुलना संभव नहीं है। वोटिंग के जिलेवार आंकड़े तो उपलब्ध कराए जा सकते हैं लेकिन चरणवार नहीं क्योंकि चुनावों के चरण बदलते रहते हैं।
UP में दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर और बदायूं जिले की 67 सीटों पर सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू हुई। वोटिंग को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए 51 हजार 771 कॉन्स्टेबल, 52 हजार 598 होमगार्ड्स जवान, 5,397 दारोगाओं और 3,666 हेड कॉन्स्टेबल तैनात किए गए थे। कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लम्बी-लम्बी कतारें देखी गई। उत्साहित मतदाता मतदान के बाद अपनी स्याही लगी उंगली के साथ सेल्फी लेते दिखाई पड़े। बुजुर्ग मतदाताओं की भी संख्या अच्छी खासी रही। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नाना 115 साल के जुर्रियत हसन नकवी ने बरेली में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इसके अलावा बरेली में ही एक दुल्हन ने विदाई से पहले मतदान किया। उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर की जा रही है।
दूसरे चरण में कुल 720 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 22 उम्मीदवार बिजनौर की बरहापुर और सबसे कम 4 उम्मीदवार अमरोहा की धनौरा सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में कुल 2.28 करोड़ वोटर्स हैं, जिनमें से 1.04 करोड़ महिलाएं हैं। मतदान के लिये 14 हजार 771 केंद्र और 23 हजार 693 मतदान स्थल बनाए गए हैं।
दूसरे चरण में जिन दिग्गजों के हार-जीत का फैसला होना है उसमें एसपी सरकार के मंत्री आजम खां (रामपुर) और पहली बार चुनाव लड़ रहे उनके पुत्र अब्दुला आजम (स्वार), कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जफर अली नकवी के बेटे सैफ अली नकवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (तिलहर) और बीजेपी विधान दल के नेता सुरेश खन्ना (शाहजहांपुर नगर) के अलावा अमरोहा से मंत्री महबूब अली शामिल हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में एसपी को 67 में से 34 सीटें मिली थीं जबकि दूसरे नम्बर रही बीएसपी को 18, बीजेपी को 10, कांग्रेस को 3 और अन्य को 2 सीटें मिली थीं।