अंशुमान तिवारी:NOI ।
लालगंज, प्रतापगढ़। कोरोना के चलते लाकडाउन की मजबूरी मे बीमार पिता को देखने के लिए पीडित बेटे व परिजनों को असहय वेदना का सामना करना पड़ा। लालगंज के पूरे बंशी गांव के प्रमोद दिल्ली मे परिवार के चार सदस्यों सहित फंस गये थे। इधर पिता की गांव मे तबीयत खराब हो उठी। इसके बावजूद भी घर वापस आने की कठिनाई दूर नहीं हो पा रही थी। ऐसे मे पिता की तबीयत खराब होने का हवाला देकर बेटे ने विधायक मोना से फोन पर संपर्क किया। आननफानन मे विधायक ने दिल्ली सरकार से प्रयास कर इन लोगों को बुधवार की रात जिला मुख्यालय वापस बुलवा लिया। किंतु नियति को कुछ और मंजूर था। बेटे के प्रतापगढ़ पहुंचते पहुंचते पिता रामलखन तिवारी की सांसे थम गई। गुरूवार को गांव पहुंचने पर सुबकते हुए बेटे ने बताया कि काश विधायक मोना न होती तो वह दिल्ली से घर न पहुंच पाता और पिता के अंतिम दर्शन की कसक पूरे जीवन कचोटती भी रहती। यही नही प्रमोद ने बताया कि प्रतापगढ़ क्वारंटीन सेंटर पहुंचने पर भी विधायक को अवगत कराने के बाद उनकी चिटठी पर उन लोगों को घर आने की प्रशासनिक अनुमति मिल सकी।