अयोध्या। विवादित ढांचा ध्वंस मामले में आरोपित पूर्व सांसद रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य डाॅ.रामविलास दास वेदांती ने सी बी आई कोर्ट में पेशी के बाद पुनः दोहराया है कि मेरे कहने पर ही कारसेवकों ने विवादित खंडहर को ढहाया है, हमने ढांचा तोड़वाया, हमन कारसेवकों को ललकारा, और कहा कि जब तक खंडहर नहीं तोड़ेगें तब तक मंदिर निर्माण नहीं होगा।श्री वेदांती ने पत्रिका से वार्ता करते हुये कहा कि विवादित ढांचा ढहाने वाले कारसेवकों को मैं धन्यवाद देता हूँ, राममंदिर निर्माण के लिए हमने खंडहर को तोड़वाया है इस आरोप में यदि मुझे फांसी की सजा भी हो तो मैं इसके लिए तैयार हूँ। वेदांती ने कहा कि लाखों रामभक्त अयोध्या रामलला का दर्शन करने आते थे, परिक्रमा के दौरान देखते थे कि विवादित ढांचे की दीवारें खिसक रही हैं यह कभी भी गिर सकता है, जिससे रामलला को क्षति पहुंचेगी। कासेवकों ने इसको लेकर संत, धर्माचार्यों एवं अशोक सिंहल जी से भी वार्ता की और कहा कि इसको ढहाने के लिए समय निश्चित किया जाये हम कारसेवा करेगें।
वेदांती ने किया दावा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने कहा था नही जायेंगे सेना के हेलीकाप्टर
श्री वेदांती ने कहा कि विवादित ढांचा ध्वंस में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहाराव का पूर्ण सहयोग प्राप्त था। 5 दिसम्बर को रात्रि 11 बजे मेरे पास प्रधानमंत्री जी का फोन आता है, मैंने उनसे कहा कि हम खंडहर तोड़वा देगें आपका सहयोग चाहिए, प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया। अगले दिन सुबह 6 बजे फोन आया, मैने कहा रामजन्मभूमि जा रहा हूँ, आज प्रतीकात्मक कारसेवा की जायेगी। उन्होंने पूछा आप क्या चाहते हैं मैने कहा मैं तो चाहता हूँ कि खंडहर तोड़वा दिया जाए क्योंकि बिना टूटे मंदिर नहीं बन सकता इस पर प्रधानमंत्री ने मुझे आश्वस्त किया। क्यों की अगर केंद्र सरकार द्वारा अगर वायु मार्ग से सेना केंद्र भेजती तो ढांचा नहीं टूटता और सभी कारसेवक छितिर बीतीर हो जाते । उन्होंने कहा कि 6 दिसम्बर को मेरे ललकारने पर ही 20 लाख कारसेवकों ने देखते-देखते विवादित खंडहर को ध्वस्त कर दिया। मुझे इस मामले में आरोपित भी किया गया है मेरे ऊपर धारा 120बी, 395, 147,149,153ए 153बी, 195, 245ए, 505 के तहत मुकदमा भी पंजीकृत किया गया है। मैं इन धाराओं को स्वीकार करता हूँ। मेरे साथ लाखों कारसेवक खडे़ हैं, और आज भी गर्व के साथ कहते हैं कि मैने ही ढांचा ध्वंस किया है। कारेसवकों का यह भी कहना है कि ध्वंस के आरोप में यदि मुझे जेल होगी तो वह भी जेल जायेंगें, फांसी होगी तो वह भी फांसी स्वीकार करेगें मैं सभी न्यायधिशो से मैं निवेदन करता हूँ की मेरे साथ 20 लाख कारसेवको को भी कोर्ट में हाजिर किया जाये और उनसे पूछा जाए की क्या आप ने ढाचा तोडा है सभी कारसेवक गर्व के साथ कह रहे है कि हमने ढांचा को तोड़ा है।