सीतापुर-अनूप पाण्डेय, राकेश पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद हरगांव वोट बैंक के लालच में यूपी सरकार छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है जिससे डिग्री सबको मिल रही है पर नौकरी किसी को नहीं ।
वैसे उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक की प्राथमिक शिक्षक के लिए सिर्फ BTC प्रशिक्षु अर्ह थे, लेकिनवोट बैंक की राजनीति में BTC प्रशिक्षुओं के साथ दोहरा मापदंड अपनाते हुए B.Ed की योग्यता रखने वाले छात्रों को भी शामिल कर लिया गया है। जिस कारण B.T.C. डिग्री धारक छात्रों को नौकरी नहीं मिल पा रही है और वह बेरोजगार हैं।
वर्तमान समय में बीटीसी के प्रदेश भर में 500000 पांच लाख से अधिक प्रशिक्षु बेरोजगार बैठे हैं और उनके हक पर कुठाराघात करके इसमें B.ed को शामिल किया जा रहा है बीटीसी 2015 बैच के लगभग एक लाख प्रशिक्षुओं का भी सत्र पूर्ण होने की ओर है और 2017 बैच के लगभग 200000 वर्तमान में प्रशिक्षणरत हैं यही नहीं इन छात्रों से रु० 41000/- प्रति वर्ष प्रति छात्र सरकारी फीस निर्धारित है B.T.C प्रशिक्षण अवधि दो वर्ष निर्धारित है इस प्रकार दो लाख बी टी सी प्रशिक्षु छात्रों से 82000/- प्रति छात्र सरकारी फीस जमा करायी गयी , इसके अलावा कालेजों का डोनेशन अलग 2018 बैच में सरकार लगातार प्रवेश ले रही है ऐसे में यही कहा जाएगा कि वोट बैंक की लालच में आकर सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। और शुल्क के रुप में बेरोजगार युवक की जेब पर डाका डाल सरकारी राजस्व में वृद्धि कर रही है।
उक्त प्रकरण में BTC संयुक्त प्रशिक्षण मोर्चा के नेतृत्व में लगभग 100 से अधिक प्रशिक्षकों ने एनसीटीई कार्यालय नई दिल्ली का घेराव किया और उनसे आग्रह किया कि गाइडलाइन को यथावत रखते हुए इसमें कोई बदलाव ना किया जाये।