सीतापुर-अनूप पाण्डेय,सुनील वर्मा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण जनता को खुले में शौच मुक्त करने की खातिर प्रत्येक ग्राम सभा के हर मजरों में सुलभ शौचालय का सरकारी निर्माण कराया जा रहा है। जानकारों की मानें तो सुलभ शौचालय की 12000 रुपए की यह प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में उपलब्ध कराने का प्रावधान है। लेकिन रेउसा बिकास खण्ड क्षेत्र की ग्राम सभाओं में यह शौचालय ग्राम प्रधानों की कमाई के जरिया बन गए है। परन्तु ग्राम प्रधान अपनी मन मर्जी से निर्माण के लिए मानक विरुद्ध सामग्रियां मंगवाकर लाभार्थियों के शौचालय तैयार कर रहे है। सिर्फ इतना ही नहीं अलग अलग तरीके अपना कर ठेकेदारों से कम लागत में तैयार कर उच्चाधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाने का भी काम कर रहे है। लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि न देकर ग्राम प्रधान स्वयं ही ठेकेदारों के माध्यम से शौचालयों का निमार्ण करा रहे हैं। निर्माण सामग्री में पीला ईंटा मौरंग की जगह अधिक बालू का प्रयोग मानक से कम मोटी सरिया वह भी मात्रा मे भारी बचत सीमेंट की बचत कर बालू का प्रयोग अधिक छत व टैंक के पत्थर बेहद पतले होना जमीन से उठाते ही टूटकर खुद गुड़वत्ता बयां कर रहे है। कमजोर सीट व नकली पाइप का इस्तेमाल किया जाता है ग्रामीणों के अनुसार जिम्मेदार अधिकारी भी सब कुछ जानकर अनजान बन रहे है जाँच कर कार्यवाही करने से गुड़वत्ता सुधर सकती है। जानकारी के अनुसार विकास खण्ड रेउसा क्षेत्र की ग्राम सभा शंकरपुर झिसनी में ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। जहाँ ग्राम प्रधान रामसुमिरन मौर्य के द्वारा बेहद घटिया सामग्री से शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है।