28 C
Lucknow
Thursday, February 13, 2025

शराबबंदी: ‘दूध और शहद की धरती बना बिहार’ 


नई दिल्लीबिहार की नीतीश कुमार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके शराबबंदी के फायदे गिनाए हैं। उसमें कहा गया है कि शराबबंदी के बाद से दूध एवं दूध से बने उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है और अपराध एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है।

हलफनामे में कहा गया है कि शराबबंदी के बाद से अपहरण में 61.76 फीसदी की कमी, हत्या में 28 फीसदी, डकैती में 23 फीसदी और बलात्कार के मामले में 10 फीसदी गिरावट आई है। दूसरी ओर कार और ट्रैक्टर की बिक्री में 30 फीसदी की जबर्दस्त बढ़त दर्ज की गई है।

हलफनामे के मुताबिक, दूध और दूध के उत्पादों की बिक्री में 11 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा रेडिमेड गार्मेंट्स की बिक्री में 44 फीसदी, फर्नीचर में 20 फीसदी, सिलाई मशीन में 19 फीसदी, स्पोर्ट के सामान में 18 फीसदी, एफएमसीजी में 18 फीसदी, कार में 30 फीसदी, ट्रैक्टर में 29 फीसदी, दोपहिया वाहन में 31.6 फीसदी एवं इंजन और मोटरों की बिक्री में 33.6 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है।


सरकार ने बताया, ‘2011 के वार्षिक स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक, 15 साल और उससे आयु की महिला समेत 9.5 फीसदी लोग बिहार में शराब का सेवन करते थे।’ इसके आधार पर अप्रैल 2016 यानी शराबबंदी से पहले तक कम से कम 44 लाख लोग बिहार में शराब पी रहे थे।

हलफनामे में कहा गया है कि प्रत्येक शराबी हर महीने शराब पर औसत 1,000 रुपये खर्च करते थे यानी राज्य में शराब पर कुल 440 करोड़ रुपये खर्च होता था।

राज्य सरकार ने ऐडवोकेट केशव मोहन के माध्यम से हलफनामा दाखिल करके कहा, ‘इस तरह से हर साल करीब 5,280 रुपये बच रहा है। जिस पैसे का इस्तेमाल पहले शराब के लिए होता था, अब उस पैसे का इस्तेमाल खाना, कपड़ा, शिक्षा एवं अन्य काम की चीजों के लिए फैमिली बजट बढ़ाने के लिए हो रहा है।’

जहां इस फैसले से राज्य में सुधार हुआ है, वहीं सरकारी खजाने को इससे नुकसान पहुंचा है। शराबबंदी के कारण सरकारी खजाने को करीब 5,000 करोड़ रुपये एक्साइज ड्यूटी का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सरकार ने कहा, ‘राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने कुछ सामग्रियों पर वैट बढ़ा दिया है, जिससे सरकारी खजाने के घाटे में कमी आएगी। शराबबंदी के नतीजे के तौर पर घरेलू बचत बढ़ी है जिससे उपभोग सामग्री पर खर्च बढ़ेगा। इससे राज्य सरकार को टैक्स प्राप्त होगा।’

सरकार ने शराब और अपराध के बीच अटूट संबंध बताते हुए कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद से 2016 में दंगों की संख्या में 17.52 फीसदी गिरावट आई है। सड़क दुर्घटनाओं और उसमें होने वाली मौतों में 20 फीसदी गिरावट आई है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें