नानपारा(बहराइच) : शासन द्वारा कड़ाके की सर्दी में लोगों को ठंड से बचने और उनको राहत पहुंचाने के लिये प्रति वर्ष राजस्व विभाग व निकाय संस्थानों विशेष कर नगर पालिका,नगर पंचायत,ग्राम पंचायत व तहसील प्रशासन को विशेष बजट आवंटित कर क्षेत्र में अलाव जलाने,निराश्रित और बेसहारा लोगों को कम्बल व रजाई का वितरण करने तथा जगह जगह (जहां लोगों का जमावड़ा होता हो)अलाव जलवाने की व्यवस्था की गई है परन्तु जिले की सबसे बड़ी तहसील नानपारा मुख्यालय पर शासन की इस व्यवस्था का सुचारू रूप से क्रियान्वयन नही किया जा रहा है जिसके नतीजे में लोगों को ठंडक के इस मौसम में भारी परेशानियों भुगतने को विवश होना पड़ रहा है।सूत्रों के मुताबिक नानपारा कस्बे में नगर पालिका परिषद जो जिले की आदर्श नगर पालिका होने का गौरव रखती है,क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों हिस्सों में अलाव नही जलाये जा रहे हैं और न ही रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है।नगर में एक मात्र कोतवाली के पास ही रैन बसेरा स्थापित किया गया है
वहीं दूसरी ओर मात्र नगर पालिका कार्यालय,इमामगंज चौराहा व सिनेमा हॉल के निकट ही अलाव जलता हुआ देखा गया है जबकि ये निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे सार्वजनिक स्थानों जहां पर लोगों का अधिक आना जाना होता हो या ठहराव होता है वहां रात के समय इन दिनों में नियमित रूप से लकड़ी गिरवा कर अलाव जलवाया जाये और अस्पताल, बस अड्डा व रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर रैन बसेरे स्थापित किये जायें जिनमें दूर दराज से आने वाले लोगों को रात गुजारने तथा क्षेत्र के गरीब असहाय लोगों को आश्रय दिया जा सके,और इन रैन बसेरों में साफ सफाई के अलावा ओढ़ने और बिछाने के लिये कम्बल व चादर उपलब्ध किया जाना चाहिए, लेकिन नानपारा में नगर पालिका प्रशासन द्वारा इस मद में पैसा तो आहरित कर लिया जाता है और उसके सापेक्ष खर्च नही किया जाता और इस तरह शासकीय धन का बंदरबाट कर सरकार को चूना तो लगाया ही जाता है वहीं सामान्य जनता के अधिकारों का हनन भी किया जा रहा है।