आगरा। भारतीय इतिहास की एक घटना कितनी रोचक लगती थी एक राजा था। उसकी पत्नी बेहद खूबसूरत थी। वह अपनी पत्नी को बेहद प्यार करता था। लेकिन एक दिन उसकी पत्नी बीमार हुई और बीमारी में वह मर गई। राजा को बेहद दुख हुआ। उसने तय किया कि वह अपनी पत्नी की याद में ऐसी चीज बनवाएगा कि सारी दुनिया उसकी मोहब्बत को याद रखेगी। उसने ऐसा किया भी। अब उसकी इस यादगार चीज पर सियासत हो रही है। सांस्कृतिक विचारधाराएं लडऩे लगी हैं।
यह राजा कोई और नहीं बादशाहे हिन्द अखबर का बेटा आगरा के शाहजहां था और विवाद उसके द्वारा बनवाए गए ताजमहल पर शुरू हो गया है। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताज महल बनवाया था। ऐसा ताजमहल जिसने पूरी दुनिया में भारत को नई पहचान दी। अब यह पहचान खतरे में है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पर्यटन सूची से ताज का नाम हटाकर नई बहस छेड़ दी है। इस बहस ने उस समय नया रूप ले लिया जब ताज नगरी आगरा में हो रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के ठीक एक दिन पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उनको भले ही ताज अपना न लगता हो, पर जरा वे मोदी जी से पूछें कि लाल किले के प्राचीर से वे भाषण देते हैं। लाल किला और ताज का एक रिश्ता है। ये दोहरी बातें करने वाले लोग हैं। इनसे हाशियार रहिए।
भाजपा के एजेंडे में पहले से ही था विवाद
यूपी सरकार अब भले ही इस विषय पर अपनी सफाई दे रही हो, पर भाजपा के कई बड़े नेता पहले ही यह कह चुके हैं कि ताज महल से भारतीय संस्कृति का कोई लेना देना नहीं है। यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी इसी तरह का बयान देकर पहले ही सरकार की सोच को बताया था। इसके पहले सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी प्रकार का बयान करीब दो महीने पहले दे चुके थे। अब पर्यटन विभाग की पर्यटन की संभावना पुस्तक में ताज का कहीं जिक्र तक नहीं किया गया है। इससे जाहिर है कि अब ताज अब एक मुहब्बत का प्रतीक नही माना जा रहा है। बल्कि यह भी संास्कृतिक दूरियां पैदा करने वाला बताया जा रहा है। यह सब तब है जब ताज को दुनिया के साातवें आश्चर्य ेंमें शुमार किया जा चुका है। बुधवार की शाम को ताज घूमने आए केरल के विमल नैयर ने कहा कि उन्हें ताज देखकर जितना आश्चर्य हुआ उतना ही यहां के अखबारों की खबरों से भी आश्चर्य हुआ कि आखिर सरकार कहना क्या चाहती है।
ताज महल और लाल किले का रिश्ता बताएं विरोध करने वाले
अखिलेश यादव के इस बयान ने बुधवार को नई बहस छेड़ दी कि जिस दल की केन्द्र सरकार और उसके मुखिया लाल किले से भाषण देते हैं, उसी दल की यूपी की सरकार उन्हीं के द्वारा बनाए गए ताज महल को सांस्कृतिक विरासत मानने से इनकार करते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि विरोध करने वालों को लाल किला और ताज महल के रिश्ते का अंदाज तो होना ही चाहिए। वहां मोदी जाते हैं और भाषण देते हैं। रिश्ते याद रखने चाहिए। समाजवादी लोग रिश्ते निभाते हैं। हम भाजपाइयों की तरह नहीं हैं।
बहरहाल कल सपा का 10वां राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। इस अधिवेशन में चुना जाना है। पर चर्चा इस बात की नहीं हो रही है कि अध्यक्ष कौन बनेगा। वैसे अखिलेश का अध्यक्ष बनना तय है, पर चर्चा इसी बात की हो रही है कि मुलायम सिंह यादव स मेलन में आएंगे या नहीं। भाजपा सरकार ने ताज के बारे में जो बातें की हैं, उससे ताज नगरी के लोग दुखी हैं। अखिलेश ने नब्ज पकड़ी और बोले तुम लोगों ने यहां किसके विधायक जिताए? नौ के नौ विधायक किस पार्टी के हैं, अब उन्हीं से पूछो कि यहां का व्यापार किस पर चलता है। ताज पर या किसी और पर?