नई दिल्ली। कांग्रेस के विरोध के बीच राज्य सरकार ने स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग शुरू कर दी है। बस्तर संभाग के अति नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर सहित प्रदेश के कई दूसरे जिलों में छत्तीसगढ़ कौशल विकास रोजगार विभाग की ओर से विज्ञापन जारी किए गए हैं। स्थानीय आवेदकों को प्रमाणपत्रों सहित साक्षात्कार के लिए आने को कहा गया है।
सरकार ने कहा है कि नियुक्तियां निजी एजेंसी के माध्यम से होंगी और आउट सोर्स शिक्षकों को विद्या मितान कहा जाएगा। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने आउटसोर्सिंग के विरोध में सोमवार को भी प्रदर्शन किया। इसी दौरान कई जिलों में नियुक्यिों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि आउटसोर्सिंग का निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है। दूरस्थ इलाकों में भौतिकी, गणित, रसायन, विज्ञान, कॉमर्स, अंग्रेजी आदि विषयों के शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में शिक्षक मिलने लगेंगे तो आउटसोर्सिंग बंद कर दी जाएगी।
निजी कंपनी के लिए सरकारी विज्ञापन-
शिक्षकों की आउटसोर्सिंग के लिए निजी कंपनियों की नियुक्ति की गई है। इसका विज्ञापन कौशल विकास रोजगार विभाग छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जिला स्तर पर जारी किया गया है। दंतेवाड़ा में कॉल मी सर्विसेज रायपुर के लिए अंग्रेजी, गणित, भौतिक, जीव विज्ञान में विद्यामितान की पोस्ट निकली है। इन्हें प्रतिमाह 15 हजार वेतन दिया जाएगा। बुधवार को रोजगार कार्यालय में साक्षात्कार आयोजित किया गया है। बीजापुर में 29 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। 8 जून को साक्षात्कार होगा।
मैदानी जिलों में भी होगी आउटसोर्सिंग-
बस्तर और सरगुजा में पहले से आउटसोर्सिंग से शिक्षकों की नियुक्ति होती रही है। इस बार राज्य सरकार ने बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग संभाग के आदिवासी बहुल विकासखंडों में भी आउटसोर्सिंग का निर्णय लिया है। महासमुंद के कुछ विकासखंडों सहित इन संभागों में भी कई जगह भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।