सीतापुर-अनूप पाण्डेय,सुनील वर्मा/NOI– उत्तर प्रदेश में आदित्य नाथ योगी की सरकार बनने के बाद से प्रदेश मे बिगड़ी हुई शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए चाहे जितने कड़े निर्देश क्यों न दिए गए हो लेकिन शिक्षा विभाग है। कि कुम्भकरणी नींद में मस्त है। जिससे अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की भी जबरदस्त लापरवाही देखने को मिल रही है। जानकारी के अनुसार रेउसा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रण्डा कोड़र योगी सरकार के आदेशों को ठेगा दिखाते नजर आ रहे है । आप को बता दे की ब्लॉक रेउसा मे सरकारी विद्यालयों का हाल बद से बदतर होता जा रहा है। शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते नौनिहालो का भविष्य भगवान भरोसे है आलम ये है की ब्लॉक रेउसा के ज्यादा तर विद्यालय समय पर खुलते ही नहीं है । और विद्यालय मे पढ़ने आते बच्चे घण्टों इंतज़ार करते है और देर तक स्कूल न खुलने पर पढ़ने आते बच्चे अपने अपने घर वापस हो जाते है शिक्षा विभाग की इन्ही खामियों को उजगार करने के लिए हमारी सांवददाता ने रेउसा ब्लॉक के तीन विद्यालयों की हकीकत चेक किया। जब हमारी सावददाता ब्लॉक रेउसा के झिसनी के प्राथमिक विद्यालय पहुंची तो समय 7 बज कर 25 मिनट हुआ था। लेकिन विद्यालय के गेट पर ताला लगा हुआ था स्कूल के बाहर खड़े बच्चों से जानकारी की गयी तो पता चला की विद्यालय कभी भी समय से नहीं खुलता है। हमे आये दिन स्कूल के बाहर खड़े हो कर विद्यालय खुलने का इतजार करना पडता है । बच्चों से की गयी बात मे ये भी पता चला की विद्यालय के खुलने का और बन्द होने का कोई भी निर्धारित समय नही है। जहा विद्यालय निर्धारित समय से देर मे खोला जाता है वही स्कूल को समय से पहले ही बन्द कर दिया जाता है खड़ शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 14 किलो मीटर की दुरी पर प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था इस तरह की है । तो क्षेत्र मे बने विद्यालयों की क्या व्यवस्था होगी इस बात का जायजा लेने के लिए जब हमारी सांवददाता समय 8 :2 am पर ब्लांक रेउसा के विद्यालय रड़ा कोड़र पहुचे तो पाया की इस विद्यालय मे भी स्कूल के बाहर बच्चे स्कूल खुलने का इंतज़ार कर रहे थे और इस विद्यालय मे भी ताला लगा हुआ था / बिद्यालय के सामना किराना की दुकान पर ग्रामीणों उत्तम यादव करण चौहान राजितराम बलिराम ग्रामीणों से जानकारी की गयी तो पता चला की विद्यालय मे तैनात शिक्षक लखनऊ शहर मे रहते है। इस लिए उन्हे विद्यालय आने मे देर हो जाती है इसी कारण विद्यालय के शिक्षक ने विद्यालय खोलने की जिम्मेदारी विद्यालय मे ही पढने वाले सात वर्ष के एक बच्चे को दे रखी है। और बच्चे को हिदायत दी गयी है। की विद्यालय पर आकर उसी को स्कूल के गेट का ताला खोलना है और स्कूल बन्द होने पर गेट पर ताला लगा कर तब घर जाना है । इस स्कूल के रियाल्टी चेक मे हमने पाया की विद्यालय मे अच्छी शिक्षा पाने के लिए आये बच्चों से पढ़ाई की जगह चौकीदरो का काम लिया जाता है विद्यालयों का जायजा लेने के बाद ।