स्कूल चलो अभियान रैली बनी भाजपा की राजनैतिक रैली, बेसिक शिक्षा मंत्री ने हरी झण्डी दिखाकर रैली को किया रवाना।
बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- नवीन शैक्षिक सत्र 2017-18 के शुरू होने पर इसमें 06 से 14 वर्ष आयु के बालक-बालिकाओं का शत-प्रतिशत नामांकन कराये जाने तथा समाज को प्रेरित करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत जनपद स्तरीय स्कूल चलो अभियान रैली/स्कूल चलो अभियान रथ का शुभारम्भ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बेसिक शिक्षा, बाल विकास पुष्टाहार, राजस्व एवं वित्त (एमओएस) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने नगर पालिका परिसर में दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात स्कूल चलो अभियान रैली को हरी झण्डी दिखाकर परिसर से रवाना किया गया। ये रैली नगर पालिका से शुरू होकर पीपल तिराहा होते हुए घण्टाघर पर जाकर समाप्त हुई।सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ये रैली सरकारी कम भाजपा की राजनैतिक रैली ज्यादा दिखाई दी जिसमें पार्टी के नेताओं की फोटो लगी तख्तियां लिये स्कूली बच्चे चलते नजर आये और बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरकांत सिंह समेत लगभग सभी साथ चल रहे अधिकारी बेसिक शिक्षा मंत्री व अन्य पार्टी पदाधिकारियों की आव भगत करते नजर आये।
इस रैली में कहीं भी बच्चों और उनके अभिभावकों को स्कूल चलने अथवा भेजने के लिये प्रभावित करने वाला कोई भी नारा या स्लोगन न तो सुना गया न दिखाई दिया और इस तरह ये रैली एक तरह से भाजपा की निजी रैली बनकर रह गयी।इस
स्कूल चलो अभियान रैली को सम्बोधित करती र्हुये बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जायसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा के शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है। उत्तर प्रदेश सरकार का संकल्प है कि एक भी बच्चा अपने निकटतम स्कूल में जाने से वंचित न रह जाये। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार है जो उन्हें दिलाया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदेश के सभी बच्चों का मौलिक अधिकार हीं नहीं बल्कि उनके जीवन का आधार है। शिक्षा हीं किसी राज्य की सकल पूंजी होती है जिसपर किसी राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षित बच्चे एवं सभ्य समाज और विकसित राष्ट्र तीनों एक दूसरे से जुड़ी हुई अभिन्न कड़ियां हंै जिनके बिना एक अच्छे राज्य व अच्छे राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्हांेने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रैली का शुभारम्भ मेरे गृह जनपद से हो रहा है। उन्होंने शिक्षकों का आहवान करते हुए कहा कि शिक्षक देश निर्माता है, शिक्षक राष्ट्र निर्माता है, शिक्षक युग निर्माता है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि सभी शिक्षक अपने मूलभूत विषय जिसकी वजह से वह शिक्षक कहलाते हैं जिसपर सदैव स्मरण करेंगे और अपने कर्तव्य पर अमल कर बच्चों के जीवन सुधारने का कार्य करेंगे। उन्होंने एक कविता सुनाते हुए कहा कि ‘हारे जब नहीं हौसले, तब कम हुए सब फासले, दूरी कहीं कोई नहीं केवल समर्पण चाहिए, कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए।’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चों को स्कूल लाने का हर सम्भव प्रयास किया जाय इससे निःसंदेह व्यवस्था सुधरेगी।