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Sunday, January 19, 2025

शिक्षा विभाग के अध्यापक काट रहे मलाई मनमाने तरीके से चलाते विद्यालय।

सीतापुर-अनूप पाण्डेय

यूपी के सीतापुर परिषदीय  विद्यालय में  शिक्षा व्यवस्था के लिए  भले ही सूबे की  सरकार कुछ भी दावे करे मगर  उच्च अधिकारियों की सुस्ती कुछ और ही दिखा रही है   सरकार अध्यापकों पर शिक्षा व्यवस्था को  सुदृढ़ करने के लिए  दबाव दिया जा रहा हो परंतु  परिषदीय अध्यापकों के द्वारा गुणा भाग के सहारे इन सारे आदेशों को ताक पर रखकर घर बैठे ही सरकारी खजाने को चूना लगाते हुए मलाई काटते हुए नजर आ रहे हैं।कुछ ऐसा ही नजारा आज गांजर के विकास क्षेत्र रेउसा के प्राथमिक विद्यालय कोंडवा धमधमपुर में देखने को मिला।यहाँ पर तैनात अध्यापकों पर खण्ड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार सिंह का कोई खौफ नहीं है इसीलिए तो यहां पर तैनात अध्यापक विद्यालय को आते ही नहीं है या यूं कह लीजिए हफ्ते में सिर्फ एक बार ही विद्यालय में अपनी शक्ल दिखाने के लिए आते हैं और जब आते हैं तो बच्चों को शिक्षा देने के बजाय मोबाइल मोबाइल खेलते रहते हैं ।प्राथमिक विद्यालय कोंडवा धाम धमधमपुर में चार अध्यापक तैनात हैं जिनमें सिर्फ प्रधानाचार्य विनय कुमार वर्मा ही स्कूल को आते है।बाकी के तीन अध्यापक घर बैठे ही मलाई काटते है।

इन अध्यापकों पर खण्ड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार सिंह का कोई दबाव नही है,क्योंकि पिछले 24 अगस्त को खण्ड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार सिंह ने प्राथमिक विद्यालय कोड़वा धमधमपुर का औचक निरीक्षण किया था जिसमें सिर्फ प्रधानाचार्य विनय कुमार वर्मा ही उपस्थित मिले थे

तथा अध्यापक छत्रपाल सिंह, तिवारी शैलेश रामसहाय तथा शौकीन सिंह अनुपस्थित मिले थे, जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार सिंह ने तीनों अध्यापकों की अनुपस्थिति दर्ज करके कार्यवाही के निर्देश दिए थे। परंतु आज जब प्राथमिक विद्यालय कोंडवा धमधमपुर का मीडिया टीम के द्वारा औचक निरीक्षण किया गया तो फिर वही तीनों अध्यापक छत्रपाल सिंह, तिवारी शैलेश रामसहाय,तथा शौक़ीन सिंह अनुपस्थित मिले। प्रधानाचार्य विनय कुमार वर्मा ने बताया कि अध्यापक लोग हमारा कहना नहीं मानते हैं वह कभी कभार ही विद्यालय आते हैं ।स्कूल के बच्चों ने भी बताया कि इस विद्यालय में 4 अध्यापक तैनात हैं जिनमें सिर्फ प्रधानाचार्य स्कूल को आते हैं बाकी के तीन अध्यापक महीने में सिर्फ एक आध बार ही स्कूल को आते हैं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने भी मीडिया टीम को बताया प्रधानाचार्य को छोड़कर कोई भी अध्यापक शिक्षण कार्य के लिए नहीं आता है अब देखना यह होगा कि पिछले 24 अगस्त को जब खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्कूल का औचक निरीक्षण करने पर अनुपस्थित मिलने वाले तीनों अध्यापक आज जब स्कूल को नहीं आए तो उन खण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा आगे क्या कार्यवाही होगी या फिर गुणाभाग के सहारे ही ऐसे ही गाड़ी दौड़ती रहेगी। वहीं पर बच्चों के कमरे में भी साफ सफाई की व्यवस्था नहीं होती है आप देख सकते हैं कि जिस कमरे में बच्चे बैठे हैं उसमें गोबर के साथ-साथ कूड़ा भी पडा हुआ है ।

इस तरह बच्चों में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है ।

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