लखनऊ, 22 जनवरी, 2020: शिव नादर यूनिवर्सिटी, भारत की अग्रणी शोध केंद्रित बहुविषयक यूनिवर्सिटी, ने आज जुलाई, 2020 से शुरू होने वाले शैक्षिक सत्र के लिए अपने एमबीए प्रोग्राम की एडमिशन प्रक्रिया प्रारंभ करने की घोषणा की। यह स्कूल मैनेजमेंट स्टडीज़ में बैचलर्स और डॉक्टोरल प्रोग्राम भी प्रदान करता है। इच्छुक आवेदकों को 15 फरवरी, 2020 तक www.sme.snu.edu.in पर उपलब्ध ऑनलाईन कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा।
यूनिवर्सिटी अपने दो अद्वितीय अभियानों द्वारा विद्यार्थियों को ग्लोबल लीडर्स के रूप में विकसित करने के अपने प्रयास जारी रखेगीः
• ग्लोबल इमर्शन प्रोग्राम- इसके तहत विद्यार्थियों को लंदन में यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक में तीन हफ्ते तक अध्ययन करने के लिए 2.5 लाख रु.की स्कॉलरशिप मिलेगी। यहां उन्हें अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी एवं गेस्ट स्पीकर से लर्निंग का एक्सक्लुसिव अवसर मिलेगा।
• मैरिट आधारित स्कॉलरशिप- प्रतिभाशाली विद्यार्थियों स्कॉलरशिप मिलेगी, जो 100 प्रतिशत तक ट्यूशन फीस कवर करती हैं।
डॉ. शुभ्रो सेन, डायरेक्टर, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड इंटरप्रेन्योरशिप ने कहा, ‘‘शिव नादर यूनिवर्सिटी में हमारा निरंतर प्रयास है कि हम अपने विद्यार्थियों को उद्योग के लिए तथा निरंतर विकसित होती डिजिटल दुनिया में नेतृत्व करने के लिए तैयार करें। मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत प्रस्तुत हमारा विश्वस्तरीय कॅरिकुलम सर्वोच्च रैंकिंग वाली टीचिंग फैकल्टी द्वारा डिज़ाईन किया गया है, ताकि विद्यार्थियों का लर्निंग का अनुभव सर्वश्रेष्ठ रहे और उन्हें बहुमूल्य ग्लोबल एक्सपोज़र मिले।”
स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एवं इंटरप्रेन्योरशिप का मार्गदर्शन करने वाले, प्रतिष्ठित एडवाईज़री बोर्ड में शिव नादर यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल, एचएएएस स्कूल ऑफ बिज़नेस, यू. सी. बर्कले एवं आईआईएम, कलकत्ता की फैकल्टी शामिल है। इस सूची में शामिल हैं:
1. डॉ. श्रीकांत दतार – अमेरिकन इकॉनामिस्ट, जो कॉस्ट मैनेजमेंट एवं मैनेजमेंट कंट्रोल एरियाज़ पर केंद्रित है। वर्तमान में हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल में आर्थर लोवेस डिकिंसन प्रोफेसर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन हैं। वो आईसीएफ इंटरनेशनल इंक., नोवार्टिस एजी, स्ट्राईकर कार्प एवं टी-मोबाईल, यूएस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य हैं। वो अमेरिकन अकाउंटिंग एसोसिएशन एवं इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अकाउंटैंट्स के सदस्य हैं।
2. प्रो. शेखर चौधरी – आईआईएम-सी के पूर्व डायरेक्टर हैं एवं स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एवं इंटरप्रेन्योरशिप, शिव नादर यूनिवर्सिटी के फाउंडिंग डायरेक्टर हैं। प्रो. चौधरी को उद्योग एवं एकेडेमिया में 40 सालों से अधिक समय का अनुभव है।
3. 3. डॉ. ऋषिकेश कृष्णन – प्रोफेसर कृष्णन के मुख्य एरिया ऑफ इंटरैस्ट स्ट्रेट्जी एवं इनोवेशन हैं। वो सेंटर फॉर द एडवांस्ड स्टडी ऑफ इंडिया, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया (फॉल 2008) और इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस (आईएसबी), हैदराबाद (2011-12) के विज़िटिंग स्कॉलर थे। उन्होंने 2007-10 तक आईआईएमबी में जमुनाराघवन चेयर इन इंटरप्रेन्योरशिप का आयोजन किया।
पूर्व में एमबीए प्रोग्राम में ग्रेजुएट कर चुके विद्यार्थी प्रतिष्ठित संगठनों, जैसे आईटीसी, वोल्टास, अमूल, पेटीएम आदि में काम कर रहे हैं।
एडिटर के लिए नोट्सः
स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड इंटरप्रेन्योरशिप (एसओएमई) के बारे में:
शिव नादर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड इंटरप्रेन्योरशिप (एसओएमई) की स्थापना सन, 2014 में की गई थी। इसका उद्देश्य एक प्रीमियम बिज़नेस स्कूल की स्थापना करना था, जो भारत में स्थित हो, पर विश्व को सेवाएं प्रदान करता हो। यह बिल्कुल नीचे से निर्मित किया गया है, जिसमें सर्वोच्च शैक्षिक संस्थानों से प्रतिष्ठित एवं उच्च सामथ्र्य की फैकल्टी की नियुक्ति की गई है; नवीनतम एजुकेशनल टेक्नॉलॉजी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर, जैसे फाईनेंशल ट्रेडिंग, इनोवेशन प्रोटोटाइपिंग और ‘डिजिटल एक्सपीरियंस’ लैब्स में निवेश किया गया है और उन्नत एक्सपीरियंशल लर्निंग, इनक्यूबेशन तथा इंटरप्रेन्योरशिप के लिए गहन विद्यार्थी-केंद्रित आधार की स्थापना की गई है। बैबसन कॉलेज के साथ अपने सहयोग के चलते और हाल ही में दुनिया के नं. 1 इंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के रूप में रेटिंग पाने के बाद, एसओएमई दोनों प्रोग्राम्स में इंटरप्रेन्योरशिप पर विशेष केंद्रण कर रहा है, जिसमें इसके ओवरसीज़ पार्टनर कैंपस में एक सेमिस्टर बिताने का अवसर शामिल है।
शिव नादर यूनिवर्सिटी, नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) के बारे में
शिव नादर फाउन्डेशन के तहत् कार्यरत शिव नादर यूनिवर्सिटी (www.snu.edu.in) विभिन्न क्षेत्रों/विषयों में पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाली छात्र-केंद्रित यूनीवर्सटी है जो अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट तथा डॉक्टरल स्तर के प्रोग्रामों की पेशकश करती है। एसएनयू के मल्टी-डिसीप्लीनरी प्रोग्राम छात्रों को मानविकी तथा समाज विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, टेक्नॉलॉजी और इंजीनियरिंग के अलावा कला एवं संचार तथा प्रबंधन में मजबूत बुनियाद का लाभ दिलाने के साथ उन्हें उनके मनपसंद विषय में पारंगत भी बनाते हैं। एसएनयू के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को विश्व स्तरीय फैकल्टी द्वारा संचालित किया जाता है और ये छात्रों को 21वीं सदी में कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करने के लिहाज से तैयार किए गए हैं। भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 286 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित शिव नादर यूनिवर्सिटी निजी परोपकारी संस्थान है जिसकी स्थापना 2011 में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक अधिनियम के तहत् की गई थी। शिव नादर यूनिवर्सिटी को एमएचआरडी, भारत सरकार द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (आईओई) चुना गया है और एनएएसी द्वारा इसे ग्रेड ‘ए’ दिया गया है।
शिव नादर फाऊन्डेशन के बारे में:
शिव नादर फाऊन्डेशन (www.ShivNadarFoundation.org) विश्व के 45 देशों में 149,000 से ज्यादा कर्मचारियों के साथ 9‐6 बिलियन डॉलर की अग्रणी ग्लोबल टेक्नॉलॉजी एवं आईटी कंपनी है। इसकी स्थापना एचसीएल के फाऊन्डर शिव नादर ने की है। 1976 में स्थापित एचसीएल भारत के ओरिज़नल आईटी गैरेज़ स्टार्टअप्स में से एक है और विविध बिज़नेस संबंधी तकनीकी समाधान पेश करता है, जिनमें संपूर्ण हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर स्पेक्ट्रम के साथ औद्योगिक वर्टिकल्स की श्रृंखला शामिल हैं।
यह फाऊन्डेशन व्यक्तियों को सामाजिक-आर्थिक अंतर को दूर करने में समर्थ बनाकर एक बराबरी के और मेरिट पर आधारित समाज के निर्माण के लिए समर्पित है। इस लक्ष्य के लिए यह फाउन्डेशन भारत में ट्रांसफॉर्मेशनल शिक्षा, रचनात्मकता और कला से संबंधित अविकसित डिसिप्लिनरी क्षेत्रों पर केन्द्रित है।
इस फाऊन्डेशन ने 1996 में एसएसएन इंस्टीट्यूशंस (www.SSN.edu.in) की स्थापना की, जिनमें चेन्नई, तमिलनाडु में भारत का प्रतिष्ठित प्रायवेट इंजीनियरिंग कॉलेज -एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग शामिल है। इस फाउंडेशन ने विद्याज्ञान की स्थापना भी की है, जो उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर एवं सीतापुर में प्रतिभाशाली ग्रामीण बच्चों के लिए आवासीय लीडरशिप एकेडमी है। इसके अलावा यह फाउंडेशन शिव नादर स्कूल (www.shivnadarschool.edu.in) भी चलाता है, जो भारत में प्रगतिशील शहरी स्कूलों का नेटवर्क है और बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करता है, जो उन्हें जीवनपर्यंत लर्नर्स बनाती है। इस फाउंडेशन ने किरन नादर म्यूज़ियम ऑफ आर्ट (www.knma.in) की स्थापना भी की है, जो आधुनिक और सामयिक कला में भारत का सबसे बड़ा प्राईवेट उदारवादी म्यूज़ियम है। इसका लक्ष्य कला को आम लोगों तक पहुंचाना है।