चुनावी सीजन में हमारे नेता बदजुबानी की नई हदें पार कर रहे हैं. अभी सलमान खुर्शीद के नरेंद्र मोदी पर दिए ‘नपुंसक’ वाले बयान पर विवाद थमा भी नहीं था कि अब शिवसेना ने रक्षा मंत्री ए के एंटनी पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है.
INS सिंधुरत्न पनडुब्बी हादसे को लेकर एंटनी पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ‘हिंदुस्तान के रक्षा विभाग को दीमक लग गया है. समुद्र में पनडुब्बियां आग में खाक हो रही हैं या फिर डूब रही हैं. वायुसेना विभाग के लड़ाकू मिग विमान धाराशायी हो रहे हैं. सीमा पर सैनिकों के सिर छांटकर पाकिस्तान में ले जाया जा रहा है. इसके बावजूद देश के रक्षा मंत्री और उनके लोग हिजड़े के समान बैठे हैं.’
एंटनी पर निशाना साधते हुए इस संपादकीय में लिखा गया है, ‘पिछले कुछ माह से नौ सेना को हादसों का ग्रहण लगा है. जिसके कारण इस विभाग को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. हिंदुस्तानी फौज की इस तरह हुई दुर्दशा को देखकर पड़ोसी दुश्मन राष्ट्र अट्हास कर हंस रहा है. क्योंकि किसी भी तरह का युद्ध होने के बावजूद हिंदुस्तानी सेना नष्ट हो रही है. सिंधुरत्न के डूबने के हादसे की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए नौसेना प्रमुख डीके जोशी ने इस्तीफा दे दिया. निष्क्रिय रक्षा मंत्री ने इसे स्वीकार भी कर लिया है. एडमिरल जोशी के कार्यकाल में नौसेना में सबसे अधिक हादसे हुए. पनडुब्बियों की दुर्घटना से हमारी प्रतिष्ठा धूल में मिली है इसीलिए मैं नौसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. फिर इसी नैतिकता के आधार पर रक्षा मंत्री अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं देते?’
एंटनी पर हमला जारी रखते हुए उद्धव ठाकरे ने लिखा है, ‘हिंदुस्तानी रक्षा विभाग ने बंदूक तथा तोप-गोलों का उत्पादन बंद करके लगता है कि अब फेविकॉल का उत्पादन शुरू कर दिया है. क्योंकि इतना कुछ होने के बाद भी रक्षा मंत्री कुर्सी से मजबूती से चिपके हुए हैं. आखिर यह किसका कमाल है!’