सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश के सूबे के मुखिया के लाखों प्रयासों के बावजूद कुछ ग्राम प्रधान अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं जिससे श्रमिकों को भूखे पेट रहने मजबूर होना पड रहा हैं ताजा मामला सीतापुर जनपद मिश्रिख ब्लॉक के रामपुर भूड़ा ग्राम पंचायत का है जहां पर मनरेगा तहत बंधा बनाकर श्रमिक मजदूरों को काम मुहैया कराया जाना था मगर प्रधान गंगाराम राजवंशी अपनी मनमानी तरीके से अपने ही चहेतों को वह परिवारिक लोगों को लगा कर मनरेगा तहत उन से कार्य करा रहे हैं वही श्रमिक मजदूर जोकि दिल्ली हरियाणा अन्य जनपदों से आए हैं और ग्राम प्रधान से काम के लिए कई बार कहा भी मगर ग्राम प्रधान ने साफ इंकार करते हैं उन लोगों को वहां से भगा दिया वही श्रमिकों का आरोप है कि हम लोग किसी प्रकार से अपना काम चला रहे हैं मगर ग्राम प्रधान लगातार ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार करते आ रहे हैं जो कार्य भी किया जा रहा है वह भी मनमाने तरीके से ना ही यहां पर कोई अधिकारी आता है ना कर्मचारी और टीए द्वारा लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है अब सवाल ये उठता है जहां उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ ने श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं वही ग्राम प्रधान कि इस रवैया से गांव के श्रमिक बहुत ही दुखी हैं क्योंकि अगर वह ज्यादा विरोध करते हैं तो हरिजन होने के कारण ग्रामीणों पर एससी एक्ट भी लगा दिया जाता है कुछ श्रमिकों ने बताया कि पहले हम लोगों ने काम मांगा तो साफ इंकार कर दिया गया और बंधा जहां पर बन रहा है वहां से भगा दिया गया वहीं जब ग्राम पंचायत के ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान पूरी अपनी मनमानी करते आ रहे हैं नाली खड़ंजा के साथ-साथ शौचालय तक घोटाले किए गए हैं अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि ऐसे ग्राम प्रधान पर आखिर क्यों ब्लाक के कर्मचारी मेहरबान है इस तरह की कार्यशैली के प्रधान के द्वारा यही प्रतीत होता है कि ब्लाक के कर्मचारी भी साथी संलिप्त हैं