सीतापुर-अनूप पाण्डेय,सनोज मिश्रा/NOI-उत्तरोर्देश जनपद सीतापुर के अटरिया क्षेत्र के ग्राम मिसिरपुर मजरा कंटाइन में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम बेला पर कथा व्यास महंत गोपाल दास महाराज ने श्राध्दालुओ को संतसंग का ब्याख्यान करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को दान करने से सत्संग करने से अपने पित्तरो को गया करने से गुर मन्त्र लेने से मना करता है वह एक ही नेत्र का रहता है इसलिए ऐसे व्यक्ति को मना नही करना चाहिए पर इस्त्री पर गलत नजर नही डालनी चाहिए एक बार माता पार्वती जी घडे को लेकर पानी भरने जा रही थी तो कुमेर देवता उनको देखकर कामुक हो गयी तो उसका एक नेत्र खराब हो गया कंस वध की खता के साथ साथ इन्द्र की उपासरा चन्द्र कला को सीता जीने सराप दिया मेरे पति के पीछे पडी है इसलिए कुबरी हो जा द्वापर मे वही चन्द्र कला गिरजा बनी जिससे भगवान श्रीकृष्ण चन्दन लगाकर उधार किया। इस अवसर पर कथा आयोजक कल्लू राम, व राजेंद्र मिश्रा,ग्राम प्रधान रामदास रावत सहित सैकड़ों श्रद्धालु श्रीमद् भागवत कथा का समापन किया।