नई दिल्ली, एजेंसी। 24 फरवरी 2010 की तारीख क्रिकेट इतिहास में अमर हो गई। इसी दिन दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर ने ग्वालियर के मैदान में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे का पहला दोहरा शतक जड़ा, क्रिकेट इतिहास के सबसे खास रिकॉर्ड में से एक है। इसके बाद कई बल्लेबाजों ने वनडे में डबल सेंचुरी जोड़ी, मगर पहला दोहरा शतक सचिन के खाते में गया। सचिन ने इस पारी में पूरे 50 ओवर बल्लेबाजी की और अंत तक नॉटआउट रहे। इसके बाद सचिन समेत पूरे देश ने जमकर जश्न मनाया।
इस पारी के बाद उस समय 38 वर्षीय ने अपनी आत्मकथा में बताया कि वो काफी थक गए थे। हालांकि, इस पारी के बाद उन्हें नींद ही नहीं आई। उन्होंने कहा कि उस शाम वो इतने खुश और उत्साहित थे कि वो सो ही नहीं पा रहे थे। इसके अलावा उन्होंने एक कारण और भी बताया। होटल में उनका और धोनी का कमरा बाकी साथी खिलाड़ियों से अलग और दूर था।
उनका कमरा बहुत बड़ा था, जिसमें प्राइवेट पूल भी शामिल था। बाथरूम बहुत विशाल था, जिसका दरवाजा शीशे का था। बाहर नजर गई तो बड़े-बड़े पेड़ नजर आ रहे थे और कमरे के पर्दे हवा से लहरा रहे थे। सचिन के बताया कि ऐसे नजारे में सो पाना मुश्किल हो रहा था। सचिन को पूरी रात बाथरूम का लाइट्स जलाए रखनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने फोन उठाया और बधाई संदेशों को जवाब देने लग गए।