लखनऊ, दीपक ठाकुर इस बार के चुनाव में शार्ट फार्म की होड़ सी लग गई है जिसमे कोई भी नेता पीछे नहीं रहना चाहता आपको याद होगा की प्रधानमंत्री ने ही इसकी नीव सकेम्प शब्द से की थी किसके लिए की थी आप सभी जानते होंगे उसके बाद वो यहीं नहीं रुके उन्होंने मायावती की बसपा को बहन संपत्ति पार्टी बता दिया। फिर बारी आई बसपा सुप्रीमो मायावती की तो उन्होंने तो प्रधानमंत्री के नाम का मतलब ही अनोखा निकाल लिया और जनता के सामने रख दिया उन्होंने कहा निगेटिव दलित मैन मतलब नरेंद्र दामोदर दास मोदी।
कमाल ही हो रहा है इस बार के चुनाव में इस बार भाषा का स्तर शून्य से भी नीचे पहुँच गया है जिससे नेता ना सही पर देश की जनता बड़ी आहात हो रही है।
ये तो हुई कुछ शार्ट कट की बात अब बात करते हैं बेलगाम जुबान की जिसका उदाहरण प्रस्तुत किया है सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने उन्होंने प्रधान मंत्री और भजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आतंकी घोषित कर दिया ऐसा क्यों किया आप ये भी जान लीजिए असल में राजेंद्र चौधरी मोदी के उस बयान पर आपत्ति जता रहे थे जिसमें मोदी ने ये कहा था कि अगर रमज़ान में बिजली दी जाती है तो दिवाली में भी देनी चाहिए इसी बात से चौधरी जी खफा थे और उनका गुस्सा कुछ इसकदर बढ़ा हुआ था कि बाकायदा प्रेसवार्ता कर इस बयान की निंदा की और लगे हाथ अपनी जुबान से वो भी बोल दिया जो प्रधानमन्त्री के लिए नहीं बोला जाना चाहिए था।
खैर चुनाव में ज़ुबान का फिसलना आम बात सी होती जा रही है सभी दल सभी नेता एक दूसरे की फजीहत करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं सत्ता पाने की चाह ने सभी के मानसिक संतुलन में उथल पुथल मचा रखी है ऐसा इनके शब्दों को सुनकर साफ़ दिखाई देता है।।।
कहा जाता है कि मोहबत और जंग में सब जायज़ होता है शायद ये इसको सत्य करने का प्रयास है जो शायद जनता को नहीं भा रहा है। चुनाव में मुद्दों की बात हो जनता से जुडी समस्याओं पर बात हो उनके उत्थान की बात हो तब समझ में आता है कि नेता जनता के लिए होते हैं पर ऐसे स्तर के आरोप प्रत्यारोप और भाषण कहाँ ले जा रहा है राजनीती को ये बड़ा चिंता का विषय है।।