उत्तर प्रदेश विधानसभा में भारी हार का सामना करने के बाद समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं और वर्तमान सत्र के लिए चुने गए विधायकों की बैठक बुधवार को लखनऊ में संपन्न हुई. इस बीच सपा विधायकों की संख्या भी 224 से घटकर 47 पहुंच गई है. पहले जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह था और वे जय जय जय जय जय अखिलेश के नारे बुलंद किया करते थे. वहीं अब चारों तरफ सन्नाटा पसर गया है. इस बीच सपा नेताओं ने मीडिया से भी बातचीत की.
अखिलेश, शिवपाल और आजम खान कार्यकर्ताओं से मिले
समाजवादी पार्टी के आला नेतृत्व ने अलग-अलग कमरों में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस बीच शिवपाल यादव भी विधायकों के साथ जाकर बैठ गए. आजम खान ने उन्हें ऊपर बुलाया. शिवपाल और अखिलेश के बीच न के बराबर बात हुई. अखिलेश ने जीते हुए विधायकों को बधाई दी. इस बीच बात करते-करते कई विधायक तो फफक पड़े.
शिवपाल और अखिलेश ने बंधाया ढाढ़स
शिवपाल और अखिलेश दोनों ने विधायकों से कहा कि हौसला हारने की जरूरत नहीं है. सपा पूरी मजबूती से विधानसभा के भीतर और विधानसभा के बाहर बीजेपी का मुकाबला करेगी. विधायकों से बीजेपी के वायदों पर नजर रखने की बात कही गई. साथ ही बीजेपी के वायदे पूरा न करने की स्थिति में उन्हें जनता तक पहुंचाने की बात कही गई.
मुख्यमंत्री बनने के बाद तय होगा नेता विपक्ष
नेता विपक्ष के सवाल पर सपा का कहना है कि वे भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद ही नेता विपक्ष को चुनेंगे. हालांकि नेता विपक्ष चुनने का अधिकार अखिलेश यादव को दे दिया गया है. हार के कारणों पर विस्तार से चर्चा नहीं की गई क्योंकि उसके लिए अलग से बैठक बुलाई जाएगी. 18 मार्च को हारे हुए प्रत्याशियों की और 19 मार्च को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई जाएगी.
आजम खान ने ईवीएम मुद्दे को भी उठाया
आजम खान ने इवीएम मशीनों का मुद्दा उठाया और यह कहा कि इस मुद्दे को लेकर सही फोरम पर जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन ईवीएम मशीन पर पर्चियां निकल रही थी वहां पर बीजेपी को बहुत कम वोट मिले हैं यह इस बात का सबूत है कि गड़बड़ की गई है. वहीं राजेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्हें आगे के चुनाव बैलेट पेपर पर कराने की मांह उठानी चाहिए.
आजम खान ने मीडिया को भी ठहराया जिम्मेदार
बैठक खत्म होते ही शिवपाल और अखिलेश वहां से रवाना हो गए. इस बीच आजम खान मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि सपा के राज में इंसान को इंसान समझा गया. मजहब को धर्म से नहीं लड़ाया गया. जातियों के बीच दूरियां नहीं बढ़ाई गईं. वहीं सपा की हार के लिए उन्होंने ईवीएम और मीडिया को भी जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने कहा कि यदि चीटिंग के एक भी वोट पड़े हों तो इलेक्शन रद्द होना चाहिए.