लखनऊ- शनिवार को लखनऊ में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की ‘पाठशाला’ में सपा विधायकों की जुटान हुई। सपा प्रमुख उन्हें सीख देते, उससे पहले उनसे ही अपनी बात कहने को कहा गया। यह मौका क्या मिला, विधायकों ने सीएम अखिलेश यादव के सामने अपने दिल की भड़ास निकाल दी।
ज्यादातर विधायकों ने अफसरों के साथ-साथ मंत्रियों को भी निशाने पर लिया। कहा कि अफसर तो अफसर मंत्री भी उन लोगों की नहीं सुनते। क्षेत्र के लोगों के काम कराने का दबाव बढ़ता जा रहा है। अगर क्षेत्र के लोगों का काम नहीं होगा तो उनसे लोकसभा के चुनाव में वोट कैसे लिया जाएगा? तय हुआ कि मंत्रियों की बैठक अलग से बुलाई जाएगी।
विधायकों ने मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों को निशाने पर रखा। कहा, अफसर बिल्कुल डरते ही नहीं, वह मंत्रियों को खुश रखते हैं और समझते हैं कि बाकी कोई उनका बाल बांका नहीं कर पाएगा। यहां तक कि जिलों में हर रोज पूर्वान्ह दस बजे से 12 बजे तक अधिकारियों के लिए जनता से मिलना तय है लेकिन कोई अधिकारी नहीं बैठता। इस पर सपा प्रमुख ने कहा कि विधायक ऐसे अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराएं, कार्रवाई होगी। विधायकों की शिकायत थी कि मुख्यमंत्री के आदेशों पर भी कार्रवाई नहीं हो पाती। अधिकारी सुनने के बजाए बहानेबाजी कर टरका देते है। उनके कहने पर हैंडपम्प भी नहीं लगता। हस्तिनापुर के विधायक प्रभुदयाल ने पुलिस वालों की मनमानी से उत्पन्न हो रही अपमानजनक स्थिति का हवाला दिया। उनका कहना था कि संगठन के जिम्मेदार लोग द्वारा संरक्षण देने से हालात बिगड़ते जा रहे है। सपा प्रमुख ने कहा कि वह खुद मुख्यमंत्री से कहेंगे कि विधायकों के काम प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित हों।
60 सीटें जीतने का लक्ष्य: तय हुआ कि लोकसभा के चुनाव में 60 सीटें जीती जाएंगी। एनडीए और यूपीए की सीटें कम होंगी। तीसरा मोर्चा की सरकार बनना तय है और समाजवादी पार्टी के हर कार्यकर्ता का संकल्प मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनाने का है। मुलायम ने आपसी मतभेद भुलाकर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान किया। पांच टिकट खतरे में
सपा प्रमुख ने विधायकों से अपने क्षेत्रों के लोकसभा उम्मीदवारों के बारे में पूछताछ की और हर हाल में जीत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बताया कि पार्टी ने अपने स्तर पर भी सर्वेक्षण कराया है। जिसमें पांच प्रत्याशियों को बदले जाने की संस्तुति की। हालांकि उन्होंने उन उम्मीदवारों के नाम बैठक में सार्वजनिक नहीं किए।
पुस्तिकाएं बांटी, 23 को उपलब्धियां बताएंगे:
अखिलेश सरकार की उपलब्धियों की पुस्तिकाएं बैठक के बाद विधायकों को वितरित की। जिला मुख्यालयों पर 23 अप्रैल को प्रदर्शन व सभाएं आयोजित कर कांग्रेस की नीतियों की मुखालफत करेंगे और सपा सरकार की उपलब्धि आम जनता तक पहुंचायी जाएंगी।
बेनी वर्मा को हराने का ऐलान
केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी वर्मा से सपा की तल्खी विधायकों की बैठक में भी नजर आयी। कहा गया कि बेनी वर्मा को इस बार लोस चुनाव नहीं जीतने देना है। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल जैसे अनर्गल बयान देने वाले कांग्रेस नेताओं पर सपाइयों ने नाराजगी का इजहार किया।