जौनपुर. लगातार दिग्ग्ज नेताओं के पार्टी छोड़ने से परेशान अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के लिये यह खबर बड़ी खुशखबरी से कम नहीं। जौनपुर में हुए एक उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है। इस सीट पर पहले भी सपा का ही कब्जा था। जनप्रतिनिधि की मौत के बाद यह सीट खाली हुई थी, जिसपर हुए उपचुनाव को जीतकर सपा ने सीट बचाने में कामयाबी हासिल की।
दरअसल जौनपुर के दिग्गज सपा नेता और कभी मिनी मुख्यमंत्री कहे जाने वाले पारसनाथ यादव की पत्नी कलावती यादव बरसठी की ब्लॉक प्रमुख थीं। वह चुनाव तब जीती थीं जब सपा की सरकार थी और खुद पारसनाथ मंत्री थे, जिनकी तूती बोलती थी।
इसी वर्ष कलावती देवी के निधन के बाद बरसठी ब्लॉक प्रमुख की सीट खाली हो गई। इस बीच हुए विधानसभा चुनाव में समजावादी पार्टी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। बावजूद इसके पासरनाथ यादव अपनी सीट और साख दोनों बचाने में कामयाब रहे। इस चुनाव में पारसनाथ यादव की पुत्रवधू मैदान में थीं। उनके मुकाबले में भाजपा समर्थित प्रत्याशी थे। पर वह 88 वोट पाकर जीत गयीं, जबकि भाजपा समर्थित उम्मीदवार को महज 10 वोट ही मिले।
विधानसभा चुनाव के बाद पारसनाथ यादव के लिये बरसठी ब्लॉक प्रमुख की सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गयी। उन्हें किसी भी तरह इस सीट को जीतकर अपना वर्चस्व बचाना था और साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह संदेश भी देना था कि जहां कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर लगातार बीजेपी के लोग कब्जा कर रहे हैं। ऐसे वक्त में भी चुनाव लड़कर बड़े अंतर से भाजपा को हराकर पूरी पार्टी को यह बताया जा सकता है कि क्षेत्र में मजबूती और राजनीतिक पकड़ रखकर विपरीत परिस्थितियों में भी जीत हासिल की जा सकती है।
भाजपा लहर में भी जीते थे पारसनाथ यादव
बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां समाजवादी पार्टी के कई कद्दावर नेता बीजेपी की लहर में धराशायी हो गए वहीं पारसनाथ यादव जिले की मल्हनी सीट से लगातार दूसरी बार परचम लहराने में सफल रहे। यह पारसनाथ यादव का ही करिश्मा था कि जिले की नौ सीटों में से तीन पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल कर ली। अपनी सीट पर तो पारस ने विरोधी उम्मीदवार को बड़े अंतर से चुनाव हराया।
शिवपाल के अलावा सिर्फ पारस के लिये मुलायम सिंह ने किया था प्रचार
पारसनाथ यादव का कद समाजवादी पार्टी में क्या है इसका अंदाजा बस इतने से ही लगाया जा सकता है कि जब अखिलेश यादव टिकट बंटवारे के समय शिवपाल और मुलायम के करीबियों का टिकट काट रहे थे उस समय भी पारसनाथ यादव को मल्हनी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया। यही नहीं जहां अखिलेश से नाराज मुलायम सिंह यादव प्रचार के लिये शिवपाल यादव के अलावा केवल पारसनाथ के चुनाव में ही आए थे, उन्होंने पारस को जिताने के लिेये जनता से अपील भी की थी।