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Tuesday, December 10, 2024

सपा सरकार में मिली हजारो अफसरों की नौकरी पर लटकी तलवार ,सीबाइआई ने शुरू की जाँच मचा हडकम्प…


इलाहाबाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुए भष्टाचार की जांच के लिए सीबीआई इलाहाबाद में अपना कैम्प कार्यालय खोलने जा रही है। प्रतियोगी छात्र तथा अन्य कोई भी जिसे भष्टाचार की जानकारी हो वह राजीव रंजन आईपीएस और जांच अधिकारी सत्येंद्र सिंह जी तक अपनी बात रख सकते हैं । राजीव रंजन ने को इलाहाबाद में कैम्प कार्यलय लगाने की बात मीडिया से साझा किया है । लोक सेवा आयोग में बीते 5 सालों में समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का जखीरा है । जिसके लिए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की । जिसमे 80 फ़ीसदी नियुक्तियां नियम विरुद्ध और मनमाने तरीके से किए जाने का आरोप लगाया है ।

सपा सरकार की सभी भर्तियों पर भ्रष्टाचार के तथ्य कोर्ट में प्रस्तुत किए जा चुके हैं । जिसके पर इलाहबाद हाइकोर्ट ने सीबीआई जांच की अनुमति दे चुका है । बता दे की बीते पांच सालो में हुई भर्तियों में अलग.अलग विभागों में तीस हजार से अधिक नियुक्तियां की गई हैं। और जिसमे कुछ को छोड़ कर २०१२ से लेकर २०१७ तक होने वाली सभी भर्तियो को आखिर में न्यायलय तक जान पडा । और सभी भर्तियो की प्रक्रिया से लेकर परिणाम तक सवाल उठते रहे हैं । जिस पर इलाहाबाद से लेकर प्रदेश भर में इसके लिए आंदोलन होते रहे है । सपा सरकार में पीसीएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा सीधी भर्ती से चयनित हुए विशेष जाति के लोग बहुतायत संख्या में है । जो जांच के घेरे में है । और भ्रष्टाचार के आरोप लगे है।

सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में प्रशासनिक पदों व अन्य विभागों में नियुक्त अधिकारियों की नौकरी पर भी अब तलवार लटक रही है । जिनकी नियुक्ति नियम विरुद्ध हुई है जांच के लिए शासन की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद उन्हें अयोग्य घोषित होने पर रुतबा और नौकरी भी हाथ से जा सकती है । हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिका में भर्तियों में 80 फर्जी नियुक्तियां फर्जी बताते हुए । सभी सपा सरकार की हुई नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की है । लेकिन आरोप में थोड़ी भी सत्यता उजागर होने पर सैकड़ों अवसर पर कार्यवाही होने की संभावना है।

लोक सेवा आयोग से अलग.अलग पदों पर चयनित हुए न्यायिक सेवाओं अभियंत्रण सेवा उच्च शिक्षण व चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत अधीनस्थ अधिकारियों का भविष्य अब सीबीआई जांच के परिणाम पर लटका है । आयोग के पूर्व अध्यक्ष और तत्कालीन परीक्षा समिति से सीबीआई को मिलने वाली जानकारी तय करेगी क्यों नहीं इस पद पर बने रहने का अधिकार है की नहीं । जाँच की शुरुआत होने पर ऐसे लोगों में खलबली मचने लगी है । जिन्हें आयोग से सपा सरकार में भ्रष्टाचार की बदौलत नौकरी मिली है । वहीं हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले प्रतियोगी छात्रों को भरोसा है । कि जल्द परिणाम ले आएगी और निष्पक्ष जांच करके बेईमान और फर्जी नियुक्ति वाले अफसरों को बाहर करेगी।

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