28 C
Lucknow
Tuesday, February 18, 2025

सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड बूचड़खाने वाले तीन राज्यों में उप्र नहीं


इंदौर, एजेंसी। एक आरटीआइ से यह खुलासा हुआ है कि देश में सिर्फ 1,707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएसए) 2006 के तहत रजिस्टर्ड हैं। जिनमें तमिलनाडु (425), मध्य प्रदेश (262) और महाराष्ट्र (249) शीर्ष तीन स्थानों पर हैं। यानी देश के कुल 55 फीसद रजिस्टर्ड बूचड़खाने इन्हीं तीन राज्यों में चल रहे हैं। जबकि उत्तर प्रदेश इनमें शामिल नहीं है।

दूसरी तरफ पशु हितैषी संगठन पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने कहा है कि देश में अवैध या गैर लाइसेंसी बूचड़खानों की संख्या 30,000 से ज्यादा है। मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ की अर्जी पर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दादर व नगर हवेली, दमन व दीव, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में एक भी बूचड़खाना एफएसएसए 2006 के तहत रजिस्टर्ड नहीं है। इन आठ राज्यों में एक भी ऐसा बूचड़खाना नहीं है, जिसने केंद्रीय या राज्यस्तरीय लाइसेंस ले रखा हो।

उप्र शीर्ष राज्यों में शामिल नहीं

आरटीआइ से यह भी खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश उन तीन शीर्ष राज्यों में शामिल नहीं है, जहां सबसे अधिक बूचड़खाने एफएसएसए अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हैं। गौड़ के मुताबिक, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने उन्हें ये आंकड़े फूड लायसेंसिंग एंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिए उपलब्ध जानकारी के आधार पर प्रदान किए हैं। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी बड़ी तादाद में अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं। इस बीच, पेटा इंडिया ने कहा है कि चमड़ा उद्योग में इस बात को सुनिश्चित करने का कोई तंत्र नहीं है कि वे जो कच्चा माल इस्तेमाल कर रहे हैं, वह अवैध बूचड़खानों से नहीं आया है। 

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें