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Wednesday, October 9, 2024

समय की मांग ‘एमएसएमई को आईटी संग सशक्त बनाना


· भारतीय जीडीपी में एमएसएमई का योगदान लगभग 30% है
· एमएसएमई को सशक्त बनाने से उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी

लखनऊ, 18 अगस्त 2020; पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कोविड महामारी के दौरान एमएसएमई के फ्यूचर में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की भूमिका पर चर्चा करने के लिए आज एक वर्चुअल बैठक आयोजित की। श्री अजीत सिंह पाल, माननीय राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे।
वर्चुअल सत्र इस बारे में था कि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कैसे समय की जरूरत बन गई है और भारत में एमएसएमई क्षेत्र के उत्थान के लिए डिजिटल माध्यम का अधिक से अधिक उपयोग करे। अतिरिक्त मुख्य सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश के श्री अशोक कुमार (आईएएस) ने कहा, हम प्रधान मंत्री जी की आत्मा निर्भर भारत योजना के तहत एमएसएमई को सर्वश्रेष्ठ प्रोधोगिकी सेक्टर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। एमएसएम लोकल मार्केट की रीढ़ हैं। हम सभी प्रकार के स्टार्ट-अप का स्वागत करते है और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए हम सिडबी के माध्यम से वेंचर कैपिटल फंडिंग के माद्यम से धन मुहैया कराएंगे ताकि उन्हें विकसित करने में मदद मिल सके।” उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, खादी और ग्रामोद्योग विभाग के श्री नवनीत सहगल (आईएएस) ने कहा, ” कोविड महामारी ने एक वर्चुअल दुनिया को सक्षम किया है और इसीलिए हम चीजों को ऑनलाइन भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि आपको एक तरफ से दूसरी तरफ भागने की आवश्यकता न पड़े। अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए हम इस सप्ताह के भीतर एमएसएमई के लिए नया अधिनियम लाने जा रहे हैं, जहाँ आपको एमएसएमई को खोलने के लिए सिर्फ प्रो फॉर्म दाखिल करने की आवश्यकता है और दाखिल करने के 72 घंटे के भीतर आपको एक पावती पत्र प्राप्त होगा जिसमें सेट-अप करने की अनुमति शामिल होगी।”
माननीय राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश के श्री अजीत सिंह पाल ने कहा, “सूचना प्रौद्योगिकी विभाग प्रणाली का एक अभिन्न अंग है और एमएसएमई का भारतीय जीडीपी में लगभग 30% योगदान है। हमें ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए जो स्टार्ट-अप्स के साथ आगे आ रहे हैं क्योंकि इससे उत्तर प्रदेश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ाने के लिए एमएसएमई को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ”
सीईओ, एपीवी इंडिया प्रा लिमिटेड के श्री विजय चोपड़ा ने कुछ और स्पष्टता प्रदान करते हुए बताया कि कैसे सूचना प्रौद्योगिकी भविष्य में एक महत्वपूर्ण रूप में उपयोगी हो सकता है और कहा, “सूचना प्रौद्योगिकी समय की आवश्यकता है और इसके अनुकूलन इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं में सुधार के लिए कॉस्ट इफेक्टिव समाधान लाने में मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश का भारतीय बाजार में सबसे बड़ा एमएसएमई हिस्सा है, इस प्रकार से हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग की भूमिका को समझना होगा।
“हम विभिन्न एकीकृत सॉफ्टवेयर समाधानों के साथ आ रहे हैं जिनका उपयोग विभिन्न डोमेन पर सभी प्रकार के व्यवसायों द्वारा किया जा सकता है, स्मार्ट परीक्षा प्रबंधन एजुकेशनल संस्थानों को परिणाम तैयार करने और ऑनलाइन प्रशन उत्तर की जांच करने में सक्षम बनाता है तथा अन्य सॉफ्टवेयर जो साथ-साथ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, सैलरी मैनेजमेंट, इन्वेंटरी मैनेजमेंट, विभिन्न एकाउंट्स सम्बंधित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, ” एपीवी इंडिया पीवीटी के सीनियर प्रोजेक्ट प्रबंधक श्री अरुण श्रीवास्तव ने बताया।
सम्मेलन के लिए मुख्य वक्ता अपर मुख्य सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश के श्री अशोक कुमार (आईएएस) के साथ सीईओ, एपीवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के श्री विजय चोपड़ा रहे। प्रेजिडेंट पीएचडीसीसीआई के श्री डी के अग्रवाल; वाईस-प्रेजिडेंट पीएचडीसीसीआई के श्री संजय अग्रवाल; वाईस-प्रेजिडेंट पीएचडीसीसीआई के श्री प्रदीप मुल्तानी; चेयरमैन पीएचडीसीसीआई के श्री मनोज गौड़, को-चेयरमैन पीएचडीसीसीआई के श्री गौरव प्रकाश, ; वाईस-प्रेजिडेंट, एपीवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के श्री प्रदीप गौड़; सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर, एपीवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के श्री अरुण श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव खादी और ग्रामोद्योग विभाग के श्री नवनीत सहगल (IAS), भी वर्चुअल कॉन्फ्रेंस मीट के दौरान पीएचडीसीसीआई के अन्य सदस्यों के साथ मौजूद रहे।

चेयरमैन पीएचडीसीसीआई के श्री मनोज गौड़ ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया, जबकि वोट ऑफ थैंक्स को-चेयरमैन पीएचडीसीसीआई, उत्तर प्रदेश के श्री गौरव प्रकाश द्वारा दिया गया और कहा, “उत्तर प्रदेश व्यापार के बढ़ते अवसरों का केंद्र है और इसे आईटी समाधानों के साथ मिलाकर एमएसएमई को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।”

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