लखनऊ, NOI । समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के बीच गठबंधन तो हो गया है लेकिन अभी कई सीटों पर दोनों दल एक दूसरे पर दबाव बनाए हुए हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल अमेठी व रायबरेली की सीटों पर है। इन जिलों को लेकर कांग्रेस सपा पर दबाव बनाए हुए है और पहले से घोषित प्रत्याशी वापस लेने की बात कह रही है। यहां सपा ने अमेठी से अपनी सरकार के मंत्री गायत्री प्रजापति को उतार रखा है।
इस बीच सपा ने कांग्रेस के लिए तय सीटों पर अपने प्रत्याशियों को वापस लेने का काम तेज कर दिया है। पार्टी के ऐसे प्रत्याशियों ने मंगलवार को सपा दफ्तर में आकर चुनाव निशान आवंटन पत्र फार्म बी को वापस कर दिया। हालांकि ऐसे प्रत्याशी खासे मायूस भी दिखे। कांग्रेस से समझौते के तहत उनकी सीट अब चली गई है जबकि तीन चार रोज पहले सपा ने इन सीटों पर अपने प्रत्याशी बना दिए थे। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने बताया कि अधिकांश प्रत्याशियों ने सिंबल वापस कर दिए हैं और बाकी बुधवार तक कर देंगे।
बुधवार को सपा लखनऊ समेत कुछ और जिलों में प्रत्याशी घोषित करेगी और कांग्रेस के लिए तय सीटों पर अपने प्रत्याशियों से सिंबल फार्म भी वापस लेगी। इसके बाद सपा की ओर से फाइनल सूची देगी।
टिकट वापस कराया तो बना दिया प्रदेश सचिव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वीकृति से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने हाजी डा.आर.ए. उस्मानी को प्रदेश सचिव पद पर राज्य कार्यकारिणी में नामित किया गया है। उस्मानी को हाल ही में मोहम्मदी सीट से सपा ने प्रत्याशी बनाया था और उन्हें फार्म बी भी दे दिया। लेकिन यह सीट अब कांग्रेस के हवाले हो गई है। ऐसे में उस्मानी मंगलवार को पार्टी दफ्तर में सिंबल वापस कर गये और उन्हें संगठन में सचिव बना दिया। उस्मानी 2007 का विधानसभा चुनाव यहां से जीते थे।