इरफ़ान शाहिद:NOI।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मुस्लिम परिवार से मिलने गई पंखुड़ी पाठक पर हमला बोल दिया गया जिसमें वो बाल बाल बच गई।हुआ ये कि
रूपवास गांव के साधु कालीचरन और किसान सोनपाल सिंह की हत्या हुई थी। बहराबद गांव में लटूरी सिंह किसान की हत्या हुई। इसके अलावा तीन लोगों की हत्या हरदुआगंज में हुई थी। इन छह हत्याओं मे नौशाद और मुस्तकीम आरोपी थे। ये दोनों हरदुआगंज में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। पंखुड़ी पाठक इनके घर पहुंची तो तमाम लोग आ गए। उन्होंने कहा कि ये बदमाश हैं, इनसे मिलने आ रहे हो तो उनसे भी मिलने जाइए, जिनकी हत्या हुई है। इस पर पंखुड़ी पाठक ने कहा कि आपसे थोड़े ही पूछेंगे कि कहां जाना है। इस पर वहां मौजूद लोग भड़क गए। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि इसका मतलब तो यह है कि आप आतंकवादियों की पैरवी करने आई हैं। इसके बाद जनता भड़क गई। पंखुड़ी पाठक के साथ हाथापाई कर दी। उनके साथ आए लोगों को को पीटा। कपड़े तक फाड़ दिए। पंखुड़ी पाठक जैसे-तैसे वहां से निकल पाईं।
घबरा गईं पंखुड़ी पाठक
पंखुड़ी पाठक ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में हमला हुआ। इस वारदात को उस समय अंजाम दिया गया, जब वे गाड़ी के अंदर मौजूद थीं। उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया गया। गाड़ी की चाबी भी गायब कर दी गई। पंखुडी पाठक ने बताया कि इस हमले में उनके साथी बुरी तरह जख्मी हो गये। कुछ साथियों ने वहां से भागने का प्रयास किया, तो बजरंग दल के कार्यकर्ता उनके पीछे दौड़े। उन साथियों का कुछ भी अता पता नहीं है। वे अपने घायल साथियों को लेकर अस्पताल पहुंच रही हैं।
उनका कहना था पुलिस की मौजूदगी में ये हमला हुआ है। यहां पर मरवाने का पूरा प्लान था। यदि थोड़ी देर भी वहां रुकते, तो मार दिया जाता। उन्होंने कहा कि यूपी के अलीगढ़ में इस तरह की गुंडागर्दी है, ये कभी सोचा नहीं था।
पुलिस की मौजूदगी में ऐसा हुआ, इस बात को लेकर सबसे बड़ा संशय है। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्यालय में जायें या न जायें, इस बात को लेकर भी टेंशन हैं। पंखुड़ी पाठक ने भाजपा और बजरंग दल पर इस हमले का आरोप लगाया है। भाजपा सरकार में किसी तरह की कानून व्यवस्था नहीं बची है। एक महिला के होते हुए हमला हुआ, ये कैसी कानून व्यवस्था है।