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Thursday, May 22, 2025

सरकार ने की ओआरओपी लागू करने की घोषणा, पूर्व सैनिक असंतुष्ट

One rankनई दिल्ली,एजेंसी-5 सितम्बर। महीनों से चल रहे गतिरोध को दूर करते हुए सरकार ने शनिवार को सशस्र बल के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) लागू करने की घोषणा कर दी, हालांकि पूर्व सैनिकों ने लागू की गई ओआरओपी योजना पर असंतुष्टि जाहिर की है।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. के. धोवन और रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार की उपस्थिति में ओआरओपी लागू किए जाने की घोषणा की।
पर्रिकर ने कहा कि 15 दिन से एक महीने के भीतर ओआरओपी का लागू करने वाला आदेश जारी कर दिया जाएगा। पेंशन में प्रत्येक पांच वर्ष पर संशोधन किया जाएगा और योजना पहली जुलाई, 2014 से प्रभावी होगी।
पूर्वसैनिकों ने हालांकि कहा है कि वे सरकार के इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।
ओआरओपी के लिए अभियान का नेतृत्व कर रहे मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सतबीर सिह ने कहा कि वह इस योजना के लिए आंदोलन जारी रखने या न जारी रखने का फैसला बाद में लेंगे।

उधर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओआरओपी योजना लागू किए जाने का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहकर धन्यवाद किया कि यह सुरक्षा कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी।

रक्षा मंत्री की घोषणा के थोड़ी देर के बाद ही शाह ने पत्रकारों से कहा, “हमने केवल अपने वादे को ही पूरा नहीं किया बल्कि इसे लागू भी किया। मोदी सरकार ने सेवानिवृत्त और सेवारत सैनिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।”

भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कहा, “हम फैसले का स्वागत करते हैं। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। कांग्रेस ने ओआरओपी के मुद्दे पर पूर्व सैनिकों को दशकों तक धोखा दिया। मोदी सरकार ने ही योजना को लागू करके उन्हें सम्मानित किया है। पिछली सरकारों ने ओआरओपी योजना को जटिल बना दिया था।”

पर्रिकर ने भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की आलोचना की और 2009 में एक पूर्व राज्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, “प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय परेशानियों के कारण मौजूदा सरकार को ओआरओपी को लागू करने में विलंब हुआ।”

ओआरओपी योजना लागू होने पर राजस्व पर 8,000 से 10,000 करोड़ रुपयों का अनुमानित भार आएगा, तथा 12,000 करोड़ रुपये एरियर पर खर्च होंगे। योजना के तहत पेंशन की गणना के लिए 2013 को आधार वर्ष माना जाएगा।

पर्रिकर ने कहा कि इस बहुप्रतीक्षित योजना की बकाया राशि का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा। इसकी पहली किश्त सैनिकों के विधवाओं को दी जाएगी।

उन्होंने कहा, “ओआरओपी को कैलेंडर वर्ष 2013 के आधार पर तय किया जाएगा। समान रैंक और समान सेवाकाल वाले सभी पेंशनभोगी पूर्वसैनिकों के लिए 2013 के न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से पेंशन तय किया जाएगा।”

मंत्री ने यह भी कहा कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले पूर्वसैनिकों को ओआरओपी योजना की सुविधा नहीं मिलेगी।

इस योजना के लागू होने से 25 लाख से अधिक पूर्वसैनिकों को लाभ मिलेगा। एरियर का भुगतान चार किश्तों में प्रत्येक छह माह पर किया जाएगा। शहीदों की पत्नियों को एरियर एकमुश्त दिया जाएगा।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु वाले पूर्व सैनिकों को भी एरियर एकमुश्त प्रदान की जाएगी।

ओआरओपी योजना लागू करने की मांग को लेकर पूर्वसैनिक पिछले तीन महीनों से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। ओआरओपी की लड़ाई लड़ रहे पूर्वसैनिकों ने हालांकि कहा है कि वे इस मुद्दे पर सरकार की घोषणा से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि उनकी सभी मांगें नहीं मानी गई हैं।

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की घोषणा के तुरंत बाद अभियान की अगुवाई कर रहे मेजर जनरल सतबीर सिंह ने जंतर मंतर पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हम सरकार द्वारा ओआरओपी लागू करने का स्वागत करते हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि पूर्वसैनिकों की सभी छह मांगें स्वीकार नहीं की गई हैं।”

सिंह ने कहा, “रक्षामंत्री ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सैनिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अगर ऐसा होता है तो हमारे रक्षा बलों के लिए यह एक बड़ा धक्का होगा, क्योंकि 40 प्रतिशत से अधिक सैनिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं।”

इसके अलावा विवाद का एक अन्य कारण एक सदस्यीय समिति भी है, जो छह माह के भीतर अपनी रपट पेश करेगी।

सिंह ने कहा, “हमने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि अगर समिति गठित होती है तो यह पांच सदस्यीय समिति होनी चाहिए, जिसमें तीन सदस्य पूर्वसैनिक होने चाहिए और एक रक्षा सेवा का सदस्य होना चाहिए। पांचवें सदस्य की सिफारिश सरकार को करनी चाहिए।”

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