भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में रन ऑफ यूनिटी (एकता के लिए दौड़) को हरी झंडी दिखायी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ँ”हम सरदार पटेल को उनकी जयंती पर नमन करते हैं। उनके अप्रतिम सेवा और योगदान को भारत कभी नहीं भूलेगा।” नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि 31 अक्टूबर को पूरा देश “राष्ट्रीय एकता दिवस” मनाता है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ दिलायी, “मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा। और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने के लिए निरंतर प्रयास करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं। इसमें सरदार भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्य संभव बनाया जाएगा। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं।”
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने सरदार पटेल की योगदान को भुलाने की कोशिश की। पीएम मोदी ने कहा कि देश को आजादी मिलने से पहले और उसके बाद सरदार पटेल के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने सरदार पटेल को भुलाने के प्रति आगाह किया था और आज उनकी आत्मा जहां भी होगी प्रसन्न होगी।
सरदार पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। आजादी के बाद पांच सौ से ज्यादा रियासतों के भारत में विलय का श्रेय सरदार पटेल को दिया जाता है। हालांकि आजादी के कुछ ही साल बाद 15 दिसंबर 1950 को उनका निधन हो गया। 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।