सीतापुर-अनूप पाण्डेय, आशुतोष अवस्थी /NOI-उत्तरप्रदेश जनपद विकास खंड सकरन के अंतर्गत ग्राम पंचायत किरतापुर में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनने वाले शौचालय कागजों पर ही कंप्लीट है।जब कि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।ग्राम वासीयो की माने तो उनका कहना है कि प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत से मनमाने तरीके से शौचालय का निर्माण कराया गया है जो बेहद घटिया क्वालिटी के मटेरियल का इस्मेमाल कर के बनवाये गए है।वो भी अभी से ही उनके दरवाजे टूट कर अलग हो गए है।ज्यादा तर शौचालय पूर्ण नही है।जिससे हम लोगों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। उच्च अधिकारी जान के भी अनजान बने बैठे हैं।
किसी शौचालय में टैंक ही नहीं बनाया गया तो किसी में टैंक बना है। लेकिन उसका ढक्कन नहीं रखा कोई अधिकारी मौके पर जाकर जांच करना भी उचित नहीं समझ रहा है। जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं लाभार्थी श्री प्रकाश पुत्र राम हुकम, श्याम बिहारी पुत्र राम अवतार,वही गांव के ही एक व्यक्ति का शौचालय बना नही है और कागज पर बना दिखा कर उसके पैसे का बंदर बांट कर लिया गया है जब इसकी शिकायत सहायक खंड विकास अधिकारी से की गई तो उन्होंने बताया आपके सिग्नेचर से ही पैसा निकाला गया है।जब कि लाभार्थी को पता भी नहीं चला कि पैसा किसने निकाला खैर ये तो जांच का विषय है।बाकी के बने जर्जर हालत में इनकंप्लीट शौचालय का क्या होगा जब जनता खुले में ही शौच जा रही है।क्या इस मामले में कोई कार्यवाही होगी या लीपा पोती कर मामले को रफा दफा कर दिया जयेगा यह अपने आप मे बड़ा सवाल है।