सहारनपुर. सहारनपुर के तीन गांवों के 180 दलिताें परिवाराें ने हिंदू धर्म छाेड़ने का दावा किया है। ये सभी परिवार शहर से सटे तीन गांव के रहने वाले हैं। इनका कहना है कि वर्तमान सरकार में दलिताें पर अत्याचार हाे रहे हैं आैर एेसे में दलित अपने आपकाे हिंदू धर्म में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इन तीन गांव की महिलाआें आैर पुरुषाें ने सांकेतिक रूप से हिंदू देवी-देवताआें की मूर्तियाें काे बड़ी नहर में विसर्जित किया आैर कहा कि पुलिस ने भीम आर्मी के पदाधिकारियाें पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए हैं। इसलिए वे हिंदू धर्म का त्याग कर रहे हैं।
सहारनपुर प्रकरण में चल रही है राजनीति
सहारनपुर में हुई जातीय संघर्ष की सीरियल घटनाआें पर जमकर राजनीति चल रही है। इन घटनाआें के बाद यहां कांग्रेस आैर सपा के बाद अब रालाेद का भी दलित प्रेम जाग उठा है। इस पूरे प्रकरण में हीराे बनी है भीम आर्मी सेना। अभी तक इस मामले में आराेप-प्रत्याराेप की राजनीति चल रही थी, लेकिन गुरुवार काे हुई इस घटना ने सभी काे हैरान कर दिया। अचानक शहर से सटे गांव रूपड़ी, कपूरपुर आैर ईघरी की महिलाएं आैर पुरुष मानकमऊ चाैकी के पास बड़ी नहर जा पहुंचे। इन्हाेंने यहां सांकेतिक रूप से हिंदू देवी-देवताआें की मूर्तियाें काे बड़ी नहर में विसर्जित करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया। इन सभी ने साफ-साफ कहा कि वे भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से बेहद आहत हैं आैर इसलिए उन्हाेंने हिंदू धर्म छाेड़ने का निर्णय किया है।
प्रेस नाेट भी किया जारी
हम इस घटना काे सहारनपुर प्रकरण में अब तक हुइ राजनीतिक कड़ियाें से इसलिए भी जाेड़ रहे हैं क्याेंकि बड़ी नहर पर पहुंचे इन परिवाराें ने बकायदा एक प्रेस नाेट भी जारी किया। इस प्रेस नाेट में ग्रामीणाें ने कहा है कि दलित समाज व अन्य पिछड़े साज की आवाज उठाने वाली संस्था भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आैर संगठन के पढ़े लिखे नाैजवानाें पर प्रशासन ने संगीन धाराएं आैर उन्हें जेल भिजवा दिया। यूपी सरकार की इस कार्रवाई से दलित समाज के लाेग काफी आहत है। आगे प्रेस नाेट में कहा गया है कि भीम आर्मी दलित समाज की आवाज उठाती है, जब किसी दलित परिवार पर संकट आता है, दलित की बेटी की शादी की बात हाेती है या दलित बच्चाें की पढ़ाई की बात हाेती है ताे सबसे पहले भीम आर्मी सेना के पदाधिकारी मदद के लिए पहुंचते हैं। एेसी मदद करने वाली सेना पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं आैर यही कारण है कि हम लाेग खुद काे हिंदू धर्म में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसके आगे प्रेस नाेट में लिखा गया है कि भीम आर्मी सेना के संस्थापक चंद्रशेखर पर लगे सभी मुकदमाें काे प्रशासन वापस लें, नहीं ताे हम हिंदू देवी-देवताआें की मूर्तियाें काे विसर्जित करते हुए हिंदू धर्म छाेड़ने का संकल्प लेंगे।
ये रहे शामिल
गुरुवार काे बड़ी नहर पर पहुंचकर सांकेतिक रूप से मूर्तियाें काे विसर्जित करने वालाें में दीपक, नरेंद्र, राेहित, पुलकित, नरेश, सुदेश, उषा, कल्पना सावित्री, रीना, लता, आरती, रेशमा आैर अनारकली समेत अन्य महिलाएं माैजूद रहीं।