लखनऊ, फार्मासिस्ट फेडरेशन ( फार्मासिस्ट महासंघ) ने प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जनहित को देखते हुए कार्य एवं आवश्यकतानुसार फार्मेसिस्ट के पदों के मानक में संशोधन किए जाने की मांग की है, फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) 24 घंटे सेवा देने वाला प्रथम रेफरल केंद्र है, जहां विशेषज्ञ देखभाल की व्यवस्था है, जहां चिकित्सा, प्रसूति और स्त्री रोग, सर्जरी, बाल रोग, दंत चिकित्सा आदि विशेषज्ञ सेवाएं हैं, परंतु उक्त केंद्रों पर मानक के अनुसार फार्मेसिस्ट के केवल 2 पद सृजित होते हैं, पूर्व में सृजित केंद्रों पर चीफ फार्मेसिस्ट के एक पद आवंटित किए गए थे परंतु मानक में संशोधन ना होने से नवसृजित chc पर अभी चीफ फार्मेसिस्ट के पद भी सृजित नही हो रहे ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 24 घण्टे आकस्मिक सेवाएं संचालित होती है, जो 3 शिफ्ट में चलती है , इस हेतु न्यूनतम 3 फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता होती है, वहीं औषधि भंडार, मेडिसिन काउंटर पर हजारों मरीजो हेतु कम से कम 2 फार्मेसिस्ट, इंजेक्शन, ड्रेसिंग रूम, प्लास्टर रूम, माइनर ओटी आदि सेवाओ हेतु न्यूनतम 2 फार्मेसिस्ट होने ही चाहिए ।
डीपीए के प्रांतीय अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा कि
न्यूनतम 7 फार्मेसिस्ट के कार्य एवं दायित्व मात्र 2 फार्मेसिस्टों द्वारा संचालित होने से जनता को उचित व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध होने में निश्चित ही कठिनाई आती है ।
फेडरेशन के संयोजक के के सचान ने कहा कि शासन स्तर पर मानक संसोधन पर कई बार सहमति भी बनी है, महानिदेशालय से प्रस्ताव भी भेजे गए हैं लेकिन शासनादेश निर्गत ना होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्य संचालन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के फार्मेसिस्टों को बुलाया जाता है, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं भी प्रभावित हो जाती हैं ।
फेडरेशन ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मानक संसोधन पर निर्णय करने का अनुरोध किया है ।
सुनील यादव
अध्यक्ष