साल के अंत तक लोगों को मिल सकती है कोरोना की वैक्सीन……..
दुनिया मे कोरोना महामारी की बढ़ती रफ्तार से पूरा विश्व जगत चिंता के साथ साथ डरा और सहमा हुआ है वहीं भारत मे अनलॉक के बाद से कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने उसे विश्व में तीसरे स्थान पर होते हुये दूसरे स्थान के लिये पैग बढ़ा रहा जो किसी खतरे से कम नही है।अभी तक कि रिपोर्टों के आधार पर कोविड -19 के बचाव के लिये किसी किस्म की वैक्सीन और कोई दवा तैयार नही हो पाई है लेकिन विश्व भर के वैज्ञानिक और साइंटिस्ट इसकी खोज में लगे हुये हैं और सूत्रों से ऐसे संकेत भी मिले हैं कि शायद साल 2020 तक लोगों को कोई शुभ समाचार मिल जाये और हमारे कोरोना योद्धा इसकी वैक्सीन व दवा बनाने का फार्मूला तैयार कर लें।कोरोना वायरस का टीका बनाने की दौड़ में आगे चल रहीं कंपनियां दिसंबर के अंत तक 70 से 75 करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक तैयार कर सकती हैं। यह दुनिया की करीब दस फीसदी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त होगा।
टीके की दौड़ में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका, रूस का गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट और चीन की सिनोवैक शामिल हैं। जर्मन कंपनी बायोनटेक के साथ टीका बना रही फाइजर ने भी शुक्रवार को कहा कि वह टीके के परीक्षण के नतीजे अक्टूबर के अंत तक समीक्षा के लिए नियामक एजेंसी को सौंप सकती है। अगर मंजूरी मिलती है तो दिसंबर तक वह दस करोड़ खुराक भी तैयार कर लेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अक्तूबर के लक्ष्य से फाइजर भी सबसे तेज टीका तैयार कर रही कंपनियों में शुमार हो गई है। फाइजर ने अमेरिका के लिए दस करोड़ खुराक तैयार करने के लिए अमेरिकी सरकार से दो अरब डॉलर का समझौता भी किया है।
जॉनसन एंड जॉनसन का अंतिम परीक्षण सितंबर से
अमेरिकी फॉर्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के तीसरे चरण का परीक्षण सितंबर से शुरू होगा। कंपनी 180 जगहों पर 18 साल से ज्यादा उम्र के 60 हजार लोगों पर टीके का ट्रायल करेगी। कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. पॉल का कहना है कि हम निश्चित समयसीमा पर परीक्षण पूरे करेंगे।
रूस 40 हजार परीक्षण शुरू करेगा
रूस के गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट स्पूतनिक वी टीके के तीसरे चरण का परीक्षण 40 हजार वालंटियर पर करेगा। हालांकि उसने पहले ही सितंबर से टीके के उत्पादन का निर्णय़ कर लिया है। शुरुआती दौर में स्वास्थ्यकर्मियों के बाद जनवरी से आम जनता में टीकाकरण शुरू होगा। संस्थान के उप निदेशक डॉ. डेनिस लोगुनोव ने कहा कि इससे हम टीके की प्रतिरोधी क्षमता का आकलन कर पाएंगे।
अमेरिका में ऑपरेशन वॉर्प स्पीड
अमेरिकी सरकार ने ऑपरेशन वॉर्प स्पीड के तहत छह से ज्यादा कंपनियों से टीके की करीब डेढ़ अरब खुराक पाने का समझौता किया है। इस पर उसने 11 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इनमें एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, जेएंडजे शामिल हैं।