सीतापुर-अनूप पाण्डेय,सनोज मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के सिधौली सामाजिक सद्भाव के मार्गदर्शक व प्रेरणास्रोत संत रविदास के 642 वें जन्मोत्सव समारोह पर नगर में मंगलवार को परंपरागत तरीके से बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाई गई| ढोल नगाड़े, बैंड बाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा कस्बा के महमूदाबाद चौराहा पर स्थित पंचायती रविदास मंदिर से निकाली गई| शोभा यात्रा में संत रविदास के जीवन पर आधारित तरह-तरह की झांकियों में बैठे संत रविदास के साथ ही गुरुनानक देव, संत कबीर, डॉ. आम्बेडकर, तथागत गौतम बुद्ध आदि महापुरुषों से संबंधित मनमोहक झाकियां लोगों का आकर्षण का केंद्र रही ।
झांकियों के साथ बैंडबाजे, ढोल नगाढ़े की थाप पर नन्हें-मुन्ने बच्चे, नौ जवान, महिलाएं आदि भजन, गीत और रविदास जी के जयकारें व नाचते हुए झांकी के साथ साथ चल रहे थे। नारे लगाते हुए कह रहे थे लोना माता की जय, करमा माता की जय, मन चंगा तो कठोती में गंगा आदि जयकारों से पूरा वातावरण गुंजाएमान हो रहा था| शोभा यात्रा में हरदोइया, बनियानी, बिशुनदासपुर, बौनाभारी, सीतारसोई, रघुराजपुर, उनई, सोनारी, अक्किलपुर, खरवलिया, जुधौरा, छाजन, खालेगढ़ी, रामपुर टड़वा, रमनगरा, भेड़हिया, नरायनपुर, छोटीपुरवा, भुचकैली, दुर्गापुर, मानपारा, सीरगंज, बन्तलिया आदि गांवों से झांकिया सम्मिलित रही| क्षेत्र के विभिन्न दूर-दराज दर्जनों गांवों से रविदास के अनुयायी प्रात:काल से ही ट्रैक्टर ट्रालियों, मोटर साइकिल और साइकिलों से भारी संख्या में आने लगे थे| दोपहर में भारी जन सैलाब के साथ हजारों की संख्या में बच्चे, युवा, महिलाएं, पुरुष, बौद्ध भिक्षु, कबीरपंथी व रविदास पंथी बड़े उत्साह के साथ इक्ट्ठे हुए| तत्पश्चात रविदास मंदिर महमूदाबाद चौराहे से शोभा यात्रा पंचायती रविदास मंदिर के अध्यक्ष अमरसेन चौधरी के नेतृत्व में शुरु होकर तहसील चौराहा, बस स्टाप, पड़ाव मैदान, अम्बेडकर पार्क, विसवॉ चौरीहा, डाक बगला और तहसील रोड होते हुए पुनः रविदास मंदिर पहुंच कर जनसभा के रूप में कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया| संत रविदास की प्रतिमा पर अुनयायियों ने फूल माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन याद कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला गया| सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रविदास का चरित्र सभी के लिए अनुकरणीय है| रविदास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक बुराइयों को खत्म किया तथा व्यक्ति को धार्मिक कर्मकांड करने की बजाए कर्मयोगी बनने के लिए प्रेरित किया| वक्ताओं ने कहा कि रविदास सामाजिक चेतना से ओत-प्रोत एक दूरदृष्टा संत थे| इसलिए उनके बताए गए रास्ते पर चलकर ही भारतीय समाज में शांति, खुशहाली और संपन्नता लायी जा सकती है| शोभा यात्रा में प्रमुख रूप से डॉ. हरगोविंद भार्गव, अमरसेन चौधरी, गौतम, गुरुदीन गौतम, पूर्व विधायक राम लाल, बुद्ध प्रकाश, डॉ. रवी गौतम, रामचंद्र गौतम, कमलेश कुमार, रामकृपाल गौतम, हर्ष कुमार रषिक, महेन्द्र कुमार, अवनीश कुमार चौधरी, बीरेन्द्र कुमार, ओपी भारती, राजेश सिद्धार्थ, विकास कुमार, राज कुमार गौतम आदि उपस्थित रहे|