एजाज अली, न्यूज़ वन इंडिया
बहराइच। कोरोना संक्रमण काल के दौरान मार्च से जून मई माह तक चले लॉकडाउन ने व्यपारियों की न सिर्फ कमर तोड़ दी बल्कि इससे निम्न वर्ग के साथ मध्यम वर्ग परिवारों के लिए भी दो वक्त की रोटी जुटा पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जून माह से अनलॉक फेज के साथ ही लॉकडाउन हटा तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही व्यापार मण्डल के एक दिन सड़क की दाईं व दूसरे दिन सड़क की बाईं पटरी की दुकानों को खोलने के सुझाव पर बाजारों को खोलने की सहमति प्रशासन ने जारी कर दी। उस समय शहर की स्टील गंज तालाब व बिसातखाना लाइन एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण बाजारों को बन्द रखने का फैसला लिया और प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर बाजारों को बन्द कराने का सुझाव दिया गया जिसे अनसुना कर दिया गया और बाज़ारें खुलने लगीं। हालांकि उस समय स्टीलगंज तालाब और बिसातखाना लाइन की दूकान बन्द रहीं।
इसके बाद पतशासन ने व्यापार मण्डल के साथ बैठक कर सड़क के दोनों पटरियों की दूकानों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी और बाज़ारें पूर्ण रूप से खुलने लगी। लेकिन एक बार फिर व्यापार मण्डल के सुझाव पर प्रशासन द्वारा सहमति जता कर शहर में लॉकडाउन का आदेश पारित कर दिया गया। जिसके बाद से लगातार ज़िला प्रशासन की आलोचनाएं हो रही हैं और इसका विरोध शहरवासी व व्यापारी कर रहे हैं।
इसी बीच समाजसेवी सलीम सिद्दीकी ने भी व्यापार मण्डल के सुझाव पर घोषित किये गये लॉकडाउन के फैसले के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायलय खण्ड पीठ लखनऊ में जनहित याचिका दायर करने की बात कही है। उनका कहना है कि कोरोना रोगी बहराइच शहर से ज़्यादा पड़ोसी जिलों में निकल रहे हैं वहीं शहर के बाहर भी कोरोना संक्रमण के मामले बहुत से मामले आये हैं बावजूद इसके सिर्फ शहर में ही लॉकडाउन कि घोषणा की गयी है।
वहीं उनके इस जनहित याचिका दायर करने के फैसले का जिले वासियों ने भी समर्थन करना शुरू कर दिया है। प्रशासन के लॉकडाउन के फैसले के विरुद्ध बिसातखाना लाइन एसोसिएशन ने भी एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें सिर्फ शहर में ही लॉकडाउन के फैसले को शिथिल करने की मांग की गई है। ज्ञात हो कि कोरोना काल के दौरान लगातार ज़िला प्रशासन पर सवालिया निशान उठते रहे हैं। वह चाहे लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए संसाधन की अनुपलब्धता को लेकर हो या फिर कोविड केयर सेंटर में बेहतर खाना न उपलब्ध कराने को लेकर हो। ऐसे में एक बार फिर ज़िला प्रशासन की सोशल मीडिया से लेकर जिले भर में मात्र शहर में लॉकडाउन के जिला प्रशासन के फैसले की जमकर आलोचनाएं हो रही हैं। वहीं इन सबके बीच व्यापार मण्डल के सुझाव पर शहर में लॉकडाउन के जिला प्रशासन के फैसले के विरुद्ध समाजसेवी सलीम सिद्दीकी ने उच्च न्यायलय खण्ड पीठ लखनऊ में जनहित याचिका दायर करने की तैयारियां पूरी ली हैं। उन्होंने बताया कि जिले शहर व ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले आये हैं जबकि पड़ोसी जिलों में यहां से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आये हैं ऐसे में मात्र शहर की दूकाने बन्द करने से जिले भर में कोरोना संक्रमण पर काबू कैसे पाया जा सकता है। बताते चलें कि गरुवार को व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों ने एक बैठक के बाद जिला प्रशासन से वार्ता कर शहर में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कराते हुए लॉकडाउन किए जाने का सुझाव दिया था जिसपर सहमति जताते हुए जिला प्रशासन ने 22 अगस्त से 30 अगस्त तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी। अब ज़िला प्रशासन के इस फैसले की जमकर आलोचनाएं हो रही हैं। उधर बिसातखाना लाइन एसोसिएशन ने भी जिलाधिकारी को सम्बोधित एक मांगपत्र के जरिये लॉकडाउन के फैसले को शिथिल किये जाने की मांग है। ऐसे में व्यापार मण्डल के। सुझाव पर घोषित लॉकडाउन के निर्णय के विरुद्ध समाजसेवी सलीम सिद्दीकी द्वारा दायर की जाने वाली जनहित याचिका को भारी संख्या में जनसमर्थन मिलना शुरू हो गया है और जिलेवासी उनके इस कदम की सराहना कर रहे हैं।