इरफान शाहिद
कोरोना का डंक किसको डस ले इसका अंदाज़ा नही अमीर गरीब सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं इससे सबसे ज़्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को बताया जा रहा है लेकिन एक बुजुर्ग ऐसे भी हैं जिन्हें कोरोना का ना तो खुद कोई डर है और ना ही उन्हें सरकारी आदेश की कोई फिक्र है।हम बात कर रहे हैं एक नामचीन स्कूल सिटी मान्टेसरी की जिसके संस्थापक जगदीश गाँधी अपने स्कूल में अपना ही शासन चलाते हर बार दिखाई देते हैं उन्हें कभी भी सरकार के आदेश का कोई भय नही रहता ये नाम बहुत बड़ा है इसलिए इनपर आजतक कोई सख्ती भी होते नही दिखाई दी।स्कूल फीस की बात हो ये स्कूल यूनिफार्म की सभी मे इनकी ही मन मर्ज़ी चलती है जिससे अभिभवक परेशान रहते हैं और साहब बेपरवाह।
यहां तक तो सहने योग्य बात है लेकिन कोरोना काल मे इनकी ज्यादत्ति की ये तस्वीर देखिए इन साहब ने अपने सीएमएस की गोमती नगर में कोरोना काल मे ही भव्य आयोजन कर दिया।यहाँ उन बच्चों को सम्मानित किया गया जिन्होंने सीएमएस का नाम रोशन किया है चालये ये भी सही है
हौसला अफजाई होनी भी चाहिए लेकिन क्या उसके लिए ये वक़्त सही था आज जब हम एक दूसरे से दो ग़ज़ की दूरी और मास्क के साथ मिल रहे हैं तो आपको क्यों समझ मे नही आया आपने अपने साथ साथ उन मेधावी बच्चों की ज़िंदगी भी जोखिम में डाल दी जो हमारे कल का सुनहरा भविष्य हैं जगदीश गांधी जी क्या आपको पता नही था कि सरकार ने किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगाई है और सख्त हिदायत दी है कि गाइडलाइन ना मानने वालों पर सख्ती होगी आपने तो सभी आदेशों को ताक पे ही रख दिया ये क्या किया गांधी जी अब किसी को कुछ भगवान ना करे हो गया तो आप लेंगे ज़िम्मेदारी सबकी क्योंकि गलती आपकी है आपने कोरोना काल का मज़ाक बनाया है।