नई दिल्ली, एजेंसी। वीआईपी संस्कृति समाप्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का राज्य सरकार के मंत्रियों पर असर दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही कई मंत्रियों ने अपने सरकारी वाहनों से लाल बत्ती उतरवा दी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा पहले ही अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती हटा चुके थे। करीब-करीब सभी मंत्री अपनी गाड़ियों से लालबत्ती हटा चुके हैं। हालांकि अफसरों का नीली बत्ती का मोह नहीं छूट रहा है। नीली बत्ती के उपयोग को सिर्फ आपात सेवाओं तक सीमित कर देने के केंद्र के फैसले के बावजूद राजधानी में अधिकारियों की गाड़ियों पर इनकी चमक दिखाई दे रही है।
आज से थी सीएम योगी को उम्मीद
योगी ने बृहस्पतिवार को मंत्रियों व अधिकारियों से शुक्रवार से गाड़ियों पर लाल व नीली बत्ती का उपयोग न करने की अपेक्षा की थी। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित पहले ही अपनी गाड़ी की लालबत्ती उतरवा चुके हैं। उन्होंने विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों से भी गाड़ियों पर लाल या नीली बत्तियों का प्रयोग न करने की अपेक्षा की है।
नीली बत्ती वाली गाड़ियों से आए अधिकारी
विधान भवन व बापू भवन में शुक्रवार को कई अफसर नीली बत्ती वाली गाड़ियों से आए। श्रम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त सहित अन्य कई अधिकारियों की गाड़ियों पर नीली बत्ती लगी थी। एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी भी अपनी सरकारी गाड़ी पर नीली बत्ती लगाकर दफ्तर पहुंचे। अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी गाड़ी से नीली बत्ती नहीं हटाई। कई अधिकारियों का तर्क है कि उन्हें सरकार का लिखित आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलने के बाद वे नीली बत्ती हटाएंगे।
हूटर-सायरन हटाने के निर्देश का असर नहीं
मुख्यमंत्री ने विधायकों की पहली बैठक में ही सायरन और हूटर का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया था, पर भाजपा के बहुत से विधायक गाड़ियों पर न केवल हूटर व सायरन लगाकर घूम रहे हैं बल्कि राजधानी की सड़कों पर उन्हें हूटर बजाकर तेज स्पीड से वाहन दौड़ाते देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, भाजपा के सेक्टर, जिला और मंडल स्तर के नेता भी अपनी गाड़ी पर योगी व मोदी की फोटो वाली झंडी व हूटर लगाकर घूम रहे हैं। भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के विधायक भी गाड़ी पर हूटर व सायरन लगाकर घूम रहे हैं।